अमेरिकी संसद की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान यात्रा से चीन चीढ़ा हुआ है। पेलोसी ने अपनी इस यात्रा पर यह साफ कर दिया कि, अमेरिका किसी भी कीमत पर अब ताइवान का साथ नहीं छोड़ेगा। उनकी इस यात्रा को चीन ने उकसावा बताया और इसी के बाद ताइवान के आसपास के छह क्षेत्रों में मिसाइल दागने समेत सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया था। उसने धमकी भी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा जमा लेगा। अब ताइवान ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, चीन युद्धाभ्यास के बहाने हमले की तैयारी कर रहा है।
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के युद्धपोत और लड़ाकू विमान ताइवान के क्षेत्र में जा रहे हैं जिससे वहां तनाव बढ़ रहा है। वहीं ताइवान का कहना है कि समुद्री सीमा के नजदीक सैन्य अभ्यास कर रहे चीन के युद्धपोत और लड़ाकू विमान वास्तव में हमले की तैयारी कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) 3 अगस्त से ताइवान को घेरकर छह स्थानों पर सैन्य अभ्यास कर रही है। इस सैन्य अभ्यास में चीनी सेना ने बैलेस्टिक मिसाइल भी दागी हैं जो ताइवान की राजधानी ताइपे के ऊपर से होती हुई जापान के क्षेत्र में गिरी हैं। वहीं जापान ने इसकी निंदा की है। दूसरी ओर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इसे चीन का गैर-जिम्मेदाराना कदम करार दिया है।
ब्लिकंन ने कहा कि इससे समस्याओं को शांति पूर्ण तरीके से निपटाने में बाधा आएगी। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन के कई युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने शनिवार को भी ताइवान स्ट्रेट में कई बार मीडियन लाइन को पार किया। मीडियन लाइन समुद्र के मध्य ताइवान द्वारा निर्धारित सीमा रेखा है। हालांकि चीन उसे नहीं मानता है। ताइवान की सेना के मुताबकि, चीन हमले का अभ्यास कर रहा है और मौका देखते ही वो हमला कर सकता है। ताइवान की सेनाएं भी हाई अलर्ट पर हैं। उन्होंने हमले से बचाव के सारे प्रबंध कर रखे हैं। इसके साथ ही नागरिकों को भी सतर्क कर दिया गया है।