पाकिस्तान और चीन (Pakistan-China) की दोस्ती किसी से छुपी नहीं है, लेकिन यह भी सबको पता है कि जिस चीन के दम पर पाकिस्तान इतना बड़बोला होते जा रहा है वह चीन सिर्फ उसका इस्तेमाल कर रहा है। वहीं अब अमेरिकी दबाव के बाद भी चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर को जारी रखने वाले और बाइडन के लोकतंत्र शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने वाले पाकिस्तान को अब इसका इनाम मिलने जा रहा है। चीन के उप प्रधानमंत्री अगले महीने इस्लामाबाद की यात्रा पर आने वाले हैं और सीपीईसी के 10 साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा। साथ ही इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा को लेकर भी चर्चा होगी। पाकिस्तान चाहता था कि सीपीईसी के कार्यक्रम में जिनपिंग आएं लेकिन उसे एक बार फिर से निराशा हाथ लगी।
इससे पहले चीन ने अरबों डॉलर का नया कर्ज देकर पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाया था। पाकिस्तान पर चीन का 30 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज लदा हुआ है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक शी जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद यह किसी शीर्ष चीनी अधिकारी की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। चीन में दो उप प्रधानमंत्री हैं। पाकिस्तान चीनी उप प्रधानमंत्री का शानदार स्वागत करने जा रहा है।
ये भी पढ़े: China के गले की फांस बना ‘कंगाल’ पाकिस्तान, शहबाज ने यूं चकनाचूर किया जिनपिंग का भरोसा
जिनपिंग पर पाकिस्तान का सपना नहीं हुआ पूरा
चीन ने पाकिस्तान को फिर से लोन देकर उसके विदेशी मुद्राभंडार को फिर से बढ़ाया है। चीनी के उप प्रधानमंत्री की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब वैश्विक घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सीपीईसी और द्विपक्षीय रिश्तों की समीक्षा करने के अलावा जिनपिंग की पाकिस्तान यात्रा के बारे में भी चर्चा होगी। इससे पहले चीनी राष्ट्रपति साल 2015 में पाकिस्तान आए थे। इससे पहले पाकिस्तान चाहता था कि शी जिनपिंग सीपीईसी के 10 साल पूरे होने पर पाकिस्तान आएं लेकिन उसे निराशा हाथ लगी। अब पाकिस्तान सरकार कोशिश कर रही है कि जिनपिंग को देश में होने वाले आम चुनाव के बाद आमंत्रित किया जाए। इससे पहले शहबाज सरकार के आने के बाद भी चीन को इस्लामाबाद की इस नई सरकार पर भरोसा नहीं हो रहा था।