कहा जाता है चीन का माल दो दिन भी नहीं टिकता है। चीन के सामान बाहर से दिखने में जितने सुंदर होते हैं अंदर से भी उतने ही खोखले होते हैं। यहां तक कि, चीन के फ्लाइंट, जेट्स और हथियार तक में कमी देखने को मिली है। अब तो पाकिस्तान में चीन द्वारा बनाया गया एक पुल ही बह गया। दरअसल, पाकिस्तान में इन दिनों चीन कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है और इसी दौरान ड्रैगन ने Pok के गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में हिमनद झील पर एक पुल बनाया था लेकिन, ये पुल बाढ़ को नहीं झेल पाया और टूट गया।
पानी का तेज बहाव जैसे ही आया यह पुल टूट गया। इस वक्त इसका एश वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। भीषण गर्मी की वजह से शिस्पर ग्लेशियर तेजी से पिघल रहा है और इसी वजह से हिमनद झील में बाढ़ आ गई। यह पुल काराकोरम राजमार्ग पर बना था। वीडियो में देखा जा सकता है कि पुल ताश के पत्तों की तरह गिर गया और पानी में बह गया। पाकिस्तान की मंत्री शेरी रहमान ने एक ट्वीट में बताया कि जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पहले ही इसकी चेतावनी दी थी। शिस्पर ग्लेसियर से तेज बहाव की वजह से पिलर के नीचे कटाव होने लगा जिस वजह से पुल ढह गया। उन्होंने कहा कि है कि 48 घंटे में यहां फिर से एक अस्थाई पुल बनाया जाएगा।
A few days ago @ClimateChangePK had warned that Pakistan’s vulnerability is high due to high temps. Hassanabad bridge on the KKH collapsed due to GLOF from the melting Shisper glacier which caused erosion under pillars. Am told FWO will have a temporary bridge up in 48 hours. 1/2 pic.twitter.com/Sjl9QIMI0G
— SenatorSherryRehman (@sherryrehman) May 7, 2022
यह पुल पाकिस्तान के लिए इस लिए खास था क्योंकि, Pok से काराकोराम वैली होकर चीन जाने वाला रास्ता इसी पुल से जुड़ता था। घाटी और ऊंची सड़कों की वजह से इस पुल को भी आकर्षण का केंद्र माना जाता था। इस पुल का निर्माण चीन ने करवाया था। इस इलाके में भीषण गर्मी और ग्लेशियर पिघलने की समस्या कई सालों से बनी हुई है। यह पुल चीन और पाकिस्तान को जोड़ने वाला मुख्य पुल है और चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है। खबरों के अनुसार, ग्लेशियर की बाढ़ ने ना केवल पुल को बल्कि घरों को जलमग्न कर दिया है। बांढ़ से कृषि भूमि, सैकड़ों नहरों, पेड़ों, जल आपूर्ति चैनलों और दो जल विद्युत परियोजनाओं को भी नुकसान पहुंचाया है।