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Taiwan को लेकर US से जंग करने के लिए China तैयार, कहा- एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे, किसी भी वक्त कर सकता है…

ड्रैगन ने अमेरिका को दिया अब तक की सबसे बड़ी धमकी

अमेरिका और चीन के बीच संबंध कैसे हैं यह किसी से छिपा नहीं है। दोनों के बीच कई सारी मुद्धाओं को लेकर तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है। चाहे साउथ चीन सागर में चीन के बढ़ते कदम की बात हो या फिर ताइवान को लेकर या फिर कोरोना साथ ही कई और चीजों को लेकर गहमी-गहमा का माहौल बना रहता है। इस वक्त दोनों के बीच खराब संबंद का कारण ताइवान है। दरअसल ड्रैगन ताइवान पर जबरन कब्जा करने की फिराक में है। चीन का कहना है कि, ताइवान उसका हिस्सा है और वो जब चाहे उसे अपने में मिला लेगा। इसपर अमेरिका का कहना है कि, ताइवान का रक्षा करना उसके हाथ में हैं ऐसे में अगर चीन ने हमला किया तो पहले अमेरिका से लड़ना होगा। अब ड्रैगन ने एक बार फिर से अमेरिका को धमकी देते हुए कहा है कि, वो युद्ध करने से पीछे नहीं हटेगा।

चीन ने सख्त लहजे में अमेरिका को चेतावनी दी है कि ताइवान चीन का हिस्सा है। अगर अमेरिका बीजिंग को नियंत्रित करने की कोशिश करेगा, तो उसके लिए यह अच्छा साबित नहीं होगा। चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने सिंगापुर में आमने-सामने की बैठक की। इसी दौरान चीन ने ताइवान को लेकर अमेरिका को धमकी दी। चीनी रक्षामंत्री ने कहा कि, ताइवान चीन से अलग नहीं है। लेकिन अगर किसी ने इसे चीन से अलग करने का प्रयास किया तो हम युद्ध छेड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। फिर चाहे इसके लिए हमें बुरे से बुरे परिणाम भुगतने पड़े। फेंघे ने कहा कि चीन हर कीमत पर लड़ेगा और अंत तक लड़ना जारी रखेगा। क्योंकि यही एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, जो ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं और चीन को तोड़ने की मंशा रखते हैं। उनका निश्चित ही अंत अच्छा नहीं होगा। चीनी रक्षा मंत्री ने अमेरिका से यह भी कहा, किसी को भी चीनी सशस्त्र बलों के संकल्प और उनकी क्षमता को कम नहीं आंकना चाहिए।

चीनी क्षा मंत्रालय के अनुसार चीन का रूस स्पष्ट है कि ताइवान उसका हिस्सा है। अगर कोई ताइवान के जरिए बीजिंग को टारगेट करने की कोशिश करता है तो उशकी यह कोशिश कभी कामयाब नहीं होने दी जाएगी। इसके साथ ही एक बयान में चीनी रक्षा मंत्री फेंघे ने कहा चीन को नियंत्रित करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल किया जा रहा है। वेई ने उन शर्तों का भी जिक्र किया जिसे अमेरिका को आपसी संबंध सुधारने के लिए पूरा करना होगा। इन शर्तों में चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना और चीनी हितों को नुकसान नहीं पहुंचाना शामिल है।