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वाकई में ज्यादा दिन नहीं टिकता Chinese माल, स्वदेशी विमानवाहक पोत शेडोंग निकला फिसड्डी

वकई में ज्यादा दिन नहीं टिकता Chinese माल

कहा जाता है कि चीन का माल ज्यादा दिन नहीं टिकता है। कितना भी भरोसा कर लें लेकिन, चीनी माल लेने के कुछ ही दिनों बाद खराब हो ही जाता है। छोटे खिलौने से लेकर हथियार, ड्रोन तक किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि, पाकिस्तान को चीन ने जितने हथियार दिए हैं वो जब इस्तेमाल करते वक्त चलते ही नहीं हैं। अब इसका खामियाजा चीन को खुद उठाना पड़ा है।

दरअसल, चीन का स्वदेश निर्मित दूसरा विमानवाहक पोत शेडोंग सेवा में आने के दो साल बाद भी अपनी परिचालन कुशलता हासिल करने में देरी की अटकलों के बीच अपने पहले रखरखाव और व्यापक परीक्षण से गुजरने जा रहा है। चीन के दूसरे विमानवाहक और पहले घरेलू रूप से विकसित पोत शेडोंग का पहला रखरखाव और नवीनीकरण शुरू हो गया है, जिससे इसकी कार्यक्षमता बढ़ने की उम्मीद है। चीन सरकार द्वारा संचालित ग्लोबल टाइम्स ने सोमवार को यह जानकारी दी। अखबार ने एक विशेषज्ञ के हवाले से कहा कि कैरियर के लिए एक व्यापक परीक्षण किया जा सकता है और उन हिस्सों को अपग्रेड और ओवरहॉल किया जा सकता है जिनमें दिक्कतें हैं।

चीनी आर्मी (PLA) ने व्यापक रूप से 23 अप्रैल को अपनी 73वीं वर्षगांठ के आसपास विमानवाहक पोत को लॉन्च करने की उम्मीद जताई थी। चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार ने हाल ही में रिपोर्ट दी थी कि योजना को देरी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि शंघाई में बड़े पैमाने पर महामारी के कारण कुछ आवश्यक कलपुर्जों के परिवहन में देरी हुई। 2017 से शंघाई के चांगक्सिंग द्वीप पर जियांगन शिपयार्ड में टाइप 003 एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण चल रहा है और इस साल की शुरुआत में लॉन्च के लिए तैयार होने की उम्मीद थी। चीन का पहला विमानवाहक पोत लियाओनिंग सोवियत युग के जहाज का एक पुराना रूप है जिसे 2012 में कमीशन किया गया था। यह अब तक का एकमात्र चीनी विमानवाहक पोत है जिसमें प्रारंभिक परिचालन क्षमता या युद्ध की तैयारी का बुनियादी स्तर है।

बता दें कि, चीन ने अपने पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत शेडोंग को 2019 में लॉन्च किया था। हालांकि, इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है कि, शेडोंग युद्ध तैयारी चरण तक क्यों नहीं पहुंचा है। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि पहले घरेलू स्तर पर निर्मित विमानवाहक को परिचालन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।