इधर बिच दूसरे देशों के जमीनों को हथियाने की भूख ड्रैगन की कुछ ज्यादे ही बढ़ गई है, चीन से लगती जितनी भी देशों के सीमाएं है हर देश उससे परेशाना है और ताइवान को हथियाने की दिलचस्पी इधर बीच ड्रैगन की कुछ ज्यादे बी बढ़ गई है। चीन लगातार ताइवान पर दबान बना रहा है। ताइवान के क्षेत्र में ड्रैगन लगातार अपने लड़ाकु विमान भेज कर धमका रहा है। जिसे लेकर अब अमेरिका कड़ी निगरानी कर रहा है लेकिन चीन ने अमेरिका को ही धमकी देते हुए कहा कि वह ताइवान से दूर रहे तो ही अच्छा है वरना खुद को नुकसान पहुंचाने जैसा है।
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बता दें कि, अमेरिका ताइवान को लगातार समर्थन करता है जो ड्रैगन को रास नहीं आता। चीन का कहना है कि वाशिंगटन 'ताइवान की स्वतंत्रता' के लिए समर्थन बंद करे। ये ऐसे समय में चीन का बयान आया है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच अगले सप्ताह डिजिटल तरीके से शिखर बैठक होने वाली है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि, जिनपिंग मंगलवार की सुबह बाइडेन के साथ डिजिटल तरीके से बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्रपति चीन-अमेरिका संबंधों और साझा चिंता के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी की शनिवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ फोन पर बातचीत हुई है। ताइवान को लेकर वांग ने कहा है कि, इतिहास और वास्तविकता ने साबित कर दिया है कि, ताइवान की स्वतंत्रता क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खरता है। ताइवान की स्वतंत्रता के लिए कोई भी समर्थन क्षेत्रीय शांति को नुककान पहुंचाएगा और अंततः खुद को नुकसान पहुंचाएगा। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह ताइवान स्वतंत्रता के लिए अपना विरोध स्पष्ट रूप से बताए।
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गौरतलब हो कि, चीन बीते कुछ समय ताइवान के प्रति अधिक आक्रामक बना हुआ है। ड्रैगन आए दिन ताइवान में घुसपैठ करने के रिकॉर्ड संख्या में अपने लड़ाकू विमान भेज रहा है। ताइवान का आरोप है कि चीन उसके खिलाफ ग्रे जोन रणनीति अपना रहा है। वो ताइवान के सैनिकों का मनोबल गिराने और आम जनता की सोच बदलने की कोशिशें कर रहा है।