china-taiwan conflict: चीन उनमें से है जिसकी नजर हमेशा अपने पड़ोसियों की जमीन पर रही है। जहां पहले लद्दाख पर मुंह की खाई अब पिछले कुछ सालों से वह ताइवान को अपने क्षेत्र बता रहा है। चीन से लगातार मिल रही धमकियों के बीच ताइवान ने अपने सैन्य बजट पर खास ध्यान दिया है। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि ताइवान ने अपना सैन्य खर्च 3.5% बढ़कर 2024 के लिए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिया। कहा कि हमारा लक्ष्य बढ़ते चीन के खतरे के बीच सुरक्षा में सुधार करना है। चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को अपने क्षेत्र के रूप में देखता है और पिछले तीन वर्षों में उसने सैन्य और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है।
वहीं चीन से चल रही टेंशन के बीच ताइवान ने कुल प्रस्तावित रक्षा बजट, जिसे संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता होगी, टी$606.8 बिलियन ($19 बिलियन) रखा है। यह लगातार सातवां वर्ष है जब ताइवान ने अपने सैन्य खर्च में वृद्धि की है लेकिन इसके उलट ताइवान की विकास दर 14% वृद्धि की तुलना में बहुत धीमी देखी गई है। राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि बजट में अनिर्दिष्ट अतिरिक्त खर्च के लिए एक विशेष बजट शामिल होगा। उन्होंने कहा, ताइवान को अपनी आत्मरक्षा क्षमताओं को मजबूत करना जारी रखना चाहिए, आत्मरक्षा के लिए अपने दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन करना चाहिए।
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चीन से मुकाबले की तैयारी
राष्ट्रपति त्साई ने ताइवान को चीन का सामना करने में बेहतर सक्षम बनाने के लिए सैन्य आधुनिकीकरण पर जोर दिया है। ताइवान ने अपने F-16 लड़ाकू विमानों के बेड़े को उन्नत किया है और अपनी पनडुब्बियां भी विकसित कर रहा है। ताइवान की पहली प्रोटोटाइप स्वदेशी पनडुब्बी का अगले महीने अनावरण होने की उम्मीद है।