ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन बुधवार को 10 दिन के सेंट्रल अमेरिका के दौरे पर रवाना हो गईं। अपनी यात्रा के दौरान वह अमेरिका में भी रुकेंगी। इस बीच चीन ने चेतावनी दी है कि अगर वह अपने दौरे में अमेरिका की यूएस हाउस स्पीकर या अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैकार्थी से मुलाकात करती हैं तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा। चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ताइवान की स्वतंत्रता चाहने वाली अलगाववादी ताकतों को समर्थन कर रहा है। उन्होंने वॉशिंगटन से अपनी ‘हरकतों’ से बाज आने को कहा।
चीन(China) ने अमेरिका की भी जमकर आलोचना की और कहा कि वह दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचाने वाली खतरनाक हरकतें कर रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, ‘चीन कतई ओवररिएक्ट नहीं कर रहा है, बल्कि अमेरिका ताइवान की स्वतंत्रता चाहने वाली अलगाववादी ताकतों को लगातार समर्थन दे रहा है।’ जाहिर सी बात है कि चीन को साई का सेंट्रल अमेरिका का दौरा नागवार गुजर रहा है और वह उन पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
चीन के इस तरह भड़कने की वजह ताइवान है, जिसे चीन अपना हिस्सा बताता है। ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है और अमेरिका उसकी स्वतंत्रता की रक्षा की कसम खा चुका है। ऐसे में जब भी ताइवान और अमेरिका के बीच मुलाकात या वार्ता की खबर आती है तो चीनी सरकार आग बबूला हो जाती है। चीन कहता है कि अमेरिका को हमारे आतंरिक मामलों में टांग नहीं अड़ानी चाहिए।
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वहीं, अभी ताइवान पर चेतावनी देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अमेरिकी पक्ष ताइवान की स्वतंत्रता वाली अलगाववादी ताकतों का समर्थन करने के लिए सांठगांठ करता रहता है, जो हमें कतईं मंजूर नहीं है. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि वाशिंगटन को अपने “खतरनाक कृत्यों” से बाज आना चाहिए, जो दोनों देशों के संबंधों की राजनीतिक नींव को रेखांकित करते हैं.