पाकिस्तान अपने सदाबहार दोस्त चीन के कंधे पर इतना ज्यादा आश्रित हो गया है कि अब उसे ड्रैगन अपनी ऊंगली पर नचा रहा है। चीन के चक्कर में जो भी फंसा है वो बर्बाद ही हुआ है। श्रीलंका में आए आर्थिक तूफान के पीछे ड्रैगन का ही हाथ है। चीन ने श्रीलंका को अपने कर्ज जाल में इस कदर फंसाया कि वो पूरी तरह से बर्बाद हो गया। पाकिस्तान भी श्रीलंका के रास्ते पर ही है। पाकिस्तान में भी चीन अपने BRI और CPEC प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहा है। पाकिस्तान ने चीन से इतना कर्ज ले लिया है कि वो शायद ही अगले 10-15 सालों तक इसे चुका पाए। अब चीन इसका फायदा उठाता नजर आ रहा है। क्योंकि, पाकिस्तान ने कुछ समय पहले चीन से जो मिसाइलें खरीदी थी वो तो खराब निकली ही साथ ही अब उसके कल पुर्जे के लिए सामान तक चीन नहीं दे रहा है। यहां तक कि पाकिस्तान अपने दोस्त को पैसे तक दे चुका है।
पाकिस्तान से चीन ने 5 साल पहले सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें खरीदी थी। जिसमें इतनी खराबी निकली कि पाकिस्तान की हवा टाइट हो गई। अब इसके कल पुर्जे तक चीन नहीं दे रहा है। जिसके चलते पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्ट की हालत खराब है। किसी भी हथियार सिस्टम को ऑपरेशनल रखने के लिए जरूरी होता है कि, उसके लिए पर्याप्त मात्रा में कलपुर्जे मौजूद हों। भूराजनीतिक मामलों पर नजर रखने वाली वेबसाइट दिफेसा ऑनलाइन रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन ने लगातार एयर डिफेंस के लिए जरूरी कलपुर्जों को नहीं देना जारी रखा तो पाकिस्तान को अपनी हवाई सुरक्षा को बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा।
बत दे कि, चीन ने साल 2017 में पाकिस्तान को HQ-16 (LY-80) मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की आपूर्ति की थी। ये पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली है। इस मिसाइल सिस्टम की विशेषताओं पर नजर डालें तो HQ-16 को वर्टिकल लॉन्च सिस्टम से लैस किया गया है। यह उसे 360 डिग्री कवरेज करने और जटिल भौगोलिक स्थिति में भी काम करने की ताकत देता है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सिस्टम में 477 खामियां निकलकर सामने आई हैं। इससे पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को बहुत बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान अपनी हवाई सीमा को सुरक्षित बनाए रखने के लिए प्रत्येक प्रयास कर रहा है लेकिन उसके प्रयास बेकार साबित हो रहे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान चीन से इतना ज्यादा कर्ज ले चुका है कि, वो उसपर दबाव तक नहीं बना पा रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में पाकिस्तान की डिफेंस और भी ज्यादा कमजोर हो सकती है।