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चीन और पाकिस्तान के बीच शुरू हो गई रार! ड्रैगन की खुली धमकी, कहा- मेरे 300 अरब दो वरना अंधेरे में रहो

पाकिस्तान को ड्रैगन की खुली धमकी

चीन इन दिनों दुनिया के छोटे देशों को अपने कर्ज जाल में फंसाना चाहता है। कई देश इसकी जाल में फंस भी चुके हैं और कई पर निरंतर इसकी नजर है। श्रीलंका में इस वक्त भयानक स्थिति है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से देश भयानक मंदी की मार झेल रहा है। खाने-पीने की चोजों के दाम आसमान छू रहे हैं। सरकार का विदेशी राजस्व खत्म हो चुका है और  अर्थव्यवस्था पूरी तरह गर्त में चली गई है। ये सब कराया धराया चीन का है। श्रीलंका चीन के बहकावे में आरक उसके कर्ज जाल में फंस गया और आज स्थिति में आ गया है। चीन छोटे देशों के अर्थव्यवस्था की चाभी अपने हाथों में लेना चाहता है। इसके पीछे चीन की साजिश यह है कि, जब ये देश कर्ज अदा न कर पाए तो इनके एयरपोर्टों, बंदरगाहों के अलावा सैन्य बेसों पर कब्जा कर अपने सैनिकों की तैनाती कर देना। पाकिस्तान की भी इन दिनों बुरी स्थिति है। यहां पर भी उसका सदाबहार दोस्त ड्रैगन कई सारी परियोजनाओं पर काम कर रहा है। लेकिन, दोनों के बीच में इतनी जल्दी रार आ जाएगी यह किसी को पता नहीं था। क्योंकि, चीन ने धमकी भरे लहजे में पाकिस्तान से कहा है कि वो उसके 300 अरब चुका दे वरना पूरे मुल्क को अंधेरे में डाल देगा।

आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को उसके करीबी दोस्त चीन द्वारा किए गए इस मांग के बाद सबसे बड़ा झटका समझा जा रहा है। चीनी कंपनियों ने पाकिस्तान की सरकार को खुली धमकी दी है कि अगर उनके 300 अरब रुपये नहीं चुकाए गए तो वे पाकिस्तान की बत्ती गुल कर देंगी।  पाकिस्तान में काम कर रही दो दर्जन से अधिक चीनी फर्मों ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस महीने अपने बिजली संयंत्रों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इन चीनी कंपनियों का पाकिस्तान पर 300 अरब रुपये से अधिक का बकाया है। उन्होंने कहा कि जब तक उनका भुगतान अग्रिम तौर पर नहीं किया जाता है वे बिजली संयंत्रों को बंद कर देंगे।

30 चीनी कंपनियां बहु-अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के तहत पाकिस्तान में काम करती हैं और पाकिस्तान के ऊर्जा, संचार, रेलवे सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रों में इनका दबदबा है। सोमवार को चीनी कंपनियों के साथ पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये विषय उठा तो पाकिस्तान के पास इसका जवाब नहीं था। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने इस बैठक में जटिल वीजा प्रक्रियाओं, टैक्स आदि से संबंधित कई शिकायतें पाकिस्तानी मंत्री के सामने रखीं थी

चीनी स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) के लगभग 25 प्रतिनिधियों ने एक के बाद एक पाक मंत्री से बात की। इस दौरान उन्होंने अपना बकाया भुगतान न चुकाए जाने को लेकर शिकायत की और साथ ही चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द पैसे नहीं दिए जाते हैं तो वे कुछ ही दिनों में बिजली संयत्रों को बंद कर देंगे। वहीं, इस भीषण गर्मी में बिजली की जरूरत बढ़ गई है जिसे देखते हुए पाक अधिकारियों ने चीनी कंपनियों से उत्पागन को अधिकतम करने के लिए कहा, इसी पर चीनी कंपनियों ने कहा कि, गंभीर पैसों को देखते हुए यह हमारे लिए असंभव है।

चीनी कंपनियों ने शिकायत की कि ईंधन की कीमतें, विशेष रूप से कोयले की कीमतों में तीन से चार गुना वृद्धि हुई है, जिसका अर्थ है कि उन्हें ईंधन की व्यवस्था करने के लिए कम से कम तीन से चार गुना अधिक पैसे दिए जाने चाहिए। कोयला उत्पादकों में से एक ने बताया कि कोयले के कम स्टॉक के कारण यह आधी क्षमता पर काम कर रहा है, लेकिन बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए अधिकारियों के दबाव से कुछ दिनों में ईंधन का स्टॉक समाप्त हो सकता है। कुल मिलाकर यह  सबित हो गया है कि, चीन किसी का सगा नहीं है। उसका कोई दोस्त नहीं हो सकता है। पाकिस्तान को यह बात जितनी जल्द समझ आ जाए उतना अच्छा है। वरना श्रीलंका वाली हालत होने में ज्यादा दिन नहीं बचा है।