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लाख मना करने पर भी बाज नहीं आया, श्रीलंका में चीनी जासूसी जहाज का भारत के लिए क्या है इशारा

श्रीलंका पहुंचा 'Spy Ship'

चीन के चंगुल में फंसकर चारों तरफ से आर्थिक संकट से घिरा हुआ है श्रीलंका। वैसे कहने को तो लंका भारत को अपना दोस्त बताता है। मगर उसकी हरकतें फिलहाल इसकी गवाही नहीं दे रही हैं। जी हां, दरअसल श्रीलंका चीन के जासूसी जहाज युआन वांग 5 को अपने हंबनटोटा बंदरगाह पर लगाने की अनुमति देकर भारत की टेंशन बढ़ गई है। यही नहीं भारत और अमेरिका ने इस जहाज को लेकर श्रीलंका को अपनी चिंता बताया है। नई दिल्ली इस जहाज को श्रीलंका में नहीं घुसने देने की अपील कर चुका था। पर हर चीज को दरकिनार करते हुए कोलंबो ने ड्रैगन के जहाज को इजाजत दे दी।

श्रीलंका बना चीनी साजिश की ढाल

चीन का युआन वांग 5जहाज इस समय श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर खड़ा है। यहां से वो हिंद महासागर और दक्षिण भारत में होने वाली हर बड़ी गतिविधि पर नजर रख सकता है। इसी वजह से भारत ने श्रीलंका से एतराज जताया था कि वो इस जहाज को अपने यहां ठहरने की इजाजत ना दे। इस बारे में डिफेंस एक्सपर्ट पी के सहगल बताते हैं कि भारत के दक्षिण से कोई भी सैटेलाइट या मिसाइल लॉन्च होता है तो ये उसे डिटेक्ट कर सकता है। इसका भारत की सुरक्षा पर जबरदस्त असर पड़ेगा और इसे देखते हुए ही भारत ने प्रोटेस्ट किया था और अमेरिका ने प्रोटेस्ट किया था।

लेकिन, इस एतराज को दरकिनार कर श्रीलंका ने चीनी जहाज को अपने यहां लंगर डालने की इजाजत दे दी। सुबह-सुबह जब ये जहाज हंबनटोटा पहुंचा तो चीनियों की खुशी का ठिकाना नहीं था। कोलंबो में चीनी दूतावास के लोग और हंबनटोटा पोर्ट में तैनात अधिकारियों ने इस जासूसी जहाज का स्वागत किया। हंबनटोटा पोर्ट के लिए चीन ने श्रीलंका को 1.5अरब डॉलर का कर्ज दिया था। इसे नहीं चुकाने पर चीन ने इस पोर्ट को श्रीलंका से 99साल की लीज पर ले लिया। लिहाजा, चीनी इस पोर्ट पर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने लगे हैं। इन सारी बातों का अंदाजा भारत को पहले से था। उसे ये जानकारी थी कि युआन वांग 5हिंद महासागर पर नजर रख रहे चीन के जासूसी सैटेलाइटों को अगस्त से सितंबर तक मदद देगा।

श्रीलंका हंबनटोटा में खड़े चीन के जासूसी जहाज से भारत को एक नहीं कई खतरे हैं। जानकारों की मानें तो चीन का ये जासूसी जहाज सैटेलाइट की मदद से भारत की मिसाइल रेंज और न्यूक्लियर प्लांट पर नजर रख सकता है।ये भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। वैसे तो ये कोई सैन्य जहाज नहीं है, मगर चीनी जहाज की पहुंच इतनी बड़ी है कि ये भारत में दूर-दूर तक नजर रख सकता है। ये करीब 750 किमी दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है।युआन वांग 5 सैटेलाइट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों को ट्रैक करने में भी सक्षम है।