China के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मौजूदा हालात में थोड़े से परेशान चल रहे हैं। आर्थिक मोर्चे पर हो रही परेशानी ने शी जिनपिंग की किरकिरी कर दी है। लिहाजा उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने धज्जियां उड़ा दी है। नेताओं ने शी जिनपिंग से कहा कि आपके तरीकों से देश नहीं चलने वाला है। एक रिपोर्ट की मानें तो पिछले दिनों जिस दिशा में देश जा रहा है, उसकी वजह से बुजुर्ग नेताओं ने शी जिनपिंग को फटकार लगाई है।
China की एक तरफ जहां आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है,वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति शी जिनपिंग की खूब आलोचना हो रही है। पिछले दिनों कम्युनिस्ट पार्टी के कई सीनियर लीडर्स ने जिनपिंग को कड़ी फटकार लगाई है। जिस तरह से वह देश चला रहे हैं, उससे ये नेता काफी नाराज हैं।
कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर नेताओं ने काफी समय तक चुप्पी साधने के बाद आखिरकार जिनपिंग को खूब खरी खोटी सुनाई है। सूत्रों ने कहा कि इस साल की सभा में पार्टी के रिटायर्ड बुजुर्गों के एक समूह ने शीर्ष नेता को उन तरीकों से फटकार लगाई, जो उन्होंने अभी तक नहीं अपनाए थे।
वरिष्ठ नेताओं की डांट से शी जिनपिंग दुखी
निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिनपिंग जो पार्टी के टॉप लीडर हैं, उन्होंने इस डांट के बाद अपने करीबियों के सामने निराशा भी जाहिर की है। जिनपिंग से बुजुर्ग नेताओं ने कहा कि अगर राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक उथल-पुथल ऐसे ही चलती रही और कोई प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो फिर पार्टी जनता का समर्थन खो सकती है। इससे उनके शासन पर खतरा पैदा हो सकता है। सीनियर लीडर्स ने जिनपिंग को क्लीयर कर दिया कि वह और ज्यादा उथल-पुथल बर्दाशत नहीं कर सकते हैं।
बेबस जिनपिंग बोले, ‘आखिर क्या करूं’
वरिष्ठ नेताओं से इस तरह के कठोर आलोचना की शी जिनपिंग को उम्मीद नहीं थी। नेताओं के नाराजगी के बाद जिनपिंग अपने उन करीबी के पास गए जिनकी वजह से आज वो इस मुकाम पर पहुंचे हैं। शी ने अपने तीन पूर्ववर्तियों, डेंग जियाओपिंग, जियांग और हू पर सारा दोष डालकर अपनी हताशा व्यक्त की। माना जाता है कि उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन नेता जो मसले छोड़ कर गए हैं उन सभी का भार उनके कंधों पर है। मैंने पिछला दशक उनसे निपटने में बिताया है लेकिन वे अनसुलझे हैं। क्या मैं दोषी हूं?’
पीएम ली हताश और निराश
शी जिनपिंग कहा कि ‘आखिर मैं क्या करूं’ इस बयान के बाद उनके सहयोगियों को काफी धक्का पहुंचा है। शी के इस बयान से सबसे ज्यादा पार्टी में नंबर दो नेता प्रधानमंत्री ली कियांग को काफी निराशा हुई है। ली एक ऐसी अर्थव्यवस्था के प्रभारी हैं जो इस समय सबसे ज्यादा खतरे में है। ऐसा माना जा रहा है कि अपने चेहरे छुपाने के कारण ही शी जिनपिंग भारत में हो रहे G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहे हैं। और पीएम ली को भारत में हो रहे जी 20 शिखर सम्मेलन मे चीन का प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा जा रहा है।
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