कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में जमकर कोहराम मचाया और इस वक्त भी कई देश इसकी गिरफ्त में हैं। चीन भी कोरोना वायरस के संक्रमण से परेशान है। यहां पर स्थिति बेकाबू हो गई है। लेकिन, चीन की शी जिनपिंग सरकार दुनिया के सामने अपनी खामियों को दिखाने से अब भी बच रही है। लेकिन, सोशल मीडिया के जमाने में किसी भी चीज से छुपना मुश्किल है। चीन में कोरोना की स्थिति बेहद ही खराब है और यहां पर जो जिनपिंग सरकार ने नीति बनाई हुई है जनता उसके खिलाफ है और सोशल मीडिया पर जमकर गुस्से में फ्रस्ट्रेशन निकाल रही है।
चीन में एक के बाद एक शहर लॉकडाउन की गिरफ्त में जा रहा है। अधिकारियों द्वारा जीरो-कोविड नीति के कड़े उपायों पर बढ़ती नाराजगी के बीच, चीनी जनता अपनी निराशा और असंतोष व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले रही है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नेटिजन्स शिकायत कर रहे हैं कि अत्यधिक उपायों जैसे कि पूर्ण लॉकडाउन लागू करना और बार-बार और व्यापक टेस्ट कराने से उनका वित्तीय/आर्थिक नुकसान हो रहा है। चीनी लोगों ने स्थानीय अधिकारियों द्वारा सामाजिक बीमा, स्कूली शिक्षा और रोजगार देने से इनकार करने, आरएमबी 200-1000 तक का जुर्माना लगाने और कोरोना वायरस नियमों को तोड़ने के लिए 5-10 दिनों के लिए गिरफ्तारी के प्रावधानों से वाले एक सर्कुलर की आलोचना की है।
सोशल मीडिया पर लोग सरकार को सख्त उपायों में ढील देने के लिए कह रहे हैं क्योंकि, इस तरह के पूर्ण लॉकडाउन की आर्थिक लगात अंततः आम लोगों द्वारा वहन की जा रही है। चीन में इस वक्त 20 से अधिक प्रांतों और शहरों में यात्रा प्रतिबंध और लॉकडाउन लागू कर दिया गया है।
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, जिलिन और शंघाई में महामारी की स्थिति बिगड़ गई है, और वायरस को नियंत्रित करने के लिए कई कठोर उपाय लागू किए हैं। इस बीच, शंघाई ने जिलिन को बतौर हॉटस्पॉट के रूप में पछाड़ दिया है और वर्तमान में इस शहर को दो चरणों (हुआंगपु नदी के पूर्व और पश्चिम) में टेस्ट के लिए लॉक किया जा रहा है। ऐसे में जो चीनी सरकार रणनीति अपना रही है लोग उसके खिलाफ हैं। और यह दर्शाता है की शी जिनपिंग सरकार कोरोना नीति में विफल रही है।