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अपने ही जाल में फंस गया China, शंघाई से चली आंधी पूरे देश में जल्द पहुंचेगी

अपने ही जाल में फंस गया China

चीन में इस वक्त हालात बेहद ही बिगड़ चुकी है। यहां पर कोरोना महामारी के चलते लोगों को भारी नुकसान हो रहा है। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। शी जिंगपिंग सरकार ने कोरोना महामारी के खिलाफ जो कदम उठाया उससे वो अपनी ही जनता को मार रहे हैं। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन का असर सीधा जनता पर पड़ रहा है। चीनी सरकार ने लोगों को घरों से बाहर न निकलने की सख्त मनाही की है। जिसके चलते लोगों की परेशानी इतनी बढ़ गई है कि वो भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। चीन में इस वक्त अब तक के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। इतने मामलों को देख कर चीन को समझ नहीं आ रहा है कि वो क्या करे जिससे इसपर काबू पाया जा सके। क्योंकि, तमाम पाबंदियों और कोशिशों के बाद भी मामलों पर काबू नहीं पाया जा सक रहा है।

चीन में शुक्रवार को 3400 से अधिक लोग जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाये गए, जबकि बिना लक्षण वाले कोविड मरीजों की संख्या 20700 दर्ज की गई। चीन के शंघाई शहर में सबसे अधिक मामले पाए गए हैं, जहां लंबे समय से लॉकडाउन है। शंघाई में प्रतिदिन मिलने वाले नए मरीजों की संख्या लगातार सबसे अधिक है।  शंघाई में इलाज के इंतजार में एक बुजुर्ग महिला की मौत को लेकर लोगों में नाराजगी के मद्देनजर अस्पतालों को आदेश दिया गया है कि वे गैर कोविड मरीजों के इलाज में देरी नहीं करें। राष्ट्रीय स्वस्थ्य आयोग (एनएचसी) के अुनसार चीन के मुख्य भूभाग पर गुरुवार को स्थानीय संक्रमण के कारण कोविड-19 से संक्रमित पाये गये लोगों की संख्या 3472 दर्ज की गई, जबकि बगैर लक्षण वाले कोविड मरीजों की संख्या 20782 दर्ज की गई।

शंघाई में स्थानीय संक्रमण के कारण कोविड-19 से संक्रमित पाये गये लोगों की संख्या 3200 दर्ज की गई, जबकि बगैर लक्षण वाले कोविड मरीजों की संख्या 19872 दर्ज की गई। शहर में पहले ही कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए कई दौर के परीक्षण किये जा चुके हैं। साथ ही संक्रमितों के इलाज के लिए अस्थायी अस्पताल बनाये जा चुके हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि बीते चौबीस घंटे में कोरोना संक्रमित रोगियों के 28,778 करीबी लोगों को स्वास्थ्य निगरानी से मुक्त किया गया। चीन में कोरोना के मामले ऐसे समय में तेजी से बढ़ रहे हैं जब देश में इसके दर काफी कम हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में चीन के चलते बाकी देशों को भी मुसीबत उठानी पड़ सकती है।