कोरोना वायरल का नया वेरिएंट का संक्रमण लगातार बढ़ते जा रहा है। दक्षिण अफ्रीका से निकला ये वायरस अब तक कई देशों में पाया जा चुका है जिसके बाद इस नए वेरिएंट से दुनिय में दहशत फैली हुई है। दक्षिण अफ्रीका सहित जिन देशों में कोरोना वायरस के नए मामले पाए गए उनमें अधिकांस 'ओमीक्रॉन' वेरिएंट' से ही संक्रमित पाए गए। इस बीच जिन-जिन देशों में इसका खतरा बढ़ता जा रहा है वो देश विदेश यात्राओं पर बैन लगा रहे हैं। अब नेपाल ने भी इसे लिए कदम उठाया है।
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नेपाल ने अपने नागरिकों से कहा है कि कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप को लेकर बढ़ती चिंता के कारण जरूरत नहीं हो तो विदेश यात्राएं नहीं करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को चेतावनी दी कि ओमीक्रोन स्वरूप से वैश्विक खतरा 'काफी ज्यादा' है और 'गंभीर परिणाम' के साथ इसका प्रसार हो सकता है। नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने नागरिकों से अपील की है कि जब तक बहुत जरूरी नहीं हो तब तक विदेश यात्रा नहीं करें। कुछ देशों में कोविड-19 के 'ओमीक्रोन' स्वरूप की पहचान एवं प्रसार के मद्देनजर यह अपील की गई है। मंत्रालय ने सभी नेपाली नागरिकों से कोविड-19 के प्रति सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि नेपाल में अभी तक 'ओमीक्रोन' स्वरूप का पता नहीं चला है।
मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. समीर कुमार अधिकारी ने कहा कि, इन नए वेरिएंट की निगरानी एवं जांच बढ़ा दी गई है। अधिकारी ने बुधवार को यहां प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि नया स्वरूप काफी संक्रामक है और यह किसी भी उम्र समूह के लोगों को संक्रमित कर सकता है।
हालांकि, इस बीच WHO ने खुशखबरी देते हुए कहा है कि, ओमीक्रोन वेरिएंट के ज्यादातर मामले हल्के हैं और वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षा देने में सक्षम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबकि ओमीक्रोन के ज्यादातर मामले 'हल्के' हैं और वर्तमान कोरोना वैक्सीन को अस्पताल में भर्ती कराए जाने और मौतों पर उच्च स्तर की सुरक्षा देनी चाहिए। हालांकि डब्ल्यूएचओ प्रवक्ता ने यह भी कहा कि आंकड़े बता रहे हैं कि ओमीक्रोन म्यूटेंट स्ट्रेन डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है। यहां तक कि वैक्सीन की सारी डोज लेने वाले भी इससे बच नहीं पा रहे हैं।