चाइना में एक बार फिर से कोरोना मामलो में वृद्धि होने लगी है। यहां केसेस इतने तेजी से फैल रहे हैं कि चीन सरकार भी कुछ नहीं कर पा रही है। खबरों की माने तो इसके चलते चीन में आर्थिक संकट गहराने लगा है। ये कोरोना वो ओमीक्रॉन वेरिएंट है जो साउथ अफ्रीका से निकला था और दुनिया के कई देशों में जमकर संक्रमण फैलाया। भारत में भी इसके मामले तेजी से सामने आए थे लिए भारत सरकार ने इसपर कंट्रोल कर लिया और ज्यादा इसका असर देखने को नहीं मिला। लेकिन, चीन में ओमीक्रॉन बेकाबू होने के चलते तेजी से संक्रमण फैल रहा है।
संक्रमण रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जैसी स्थिति बन रही है। इससे आर्थिक संकट के हालात पैदा हो गए हैं। प्रांतों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है। चीन के ही वुहान में 2019में कोविड की शुरुआत हुई थी। चीन ने कठोर नियमों के जरिये दो वर्ष तक संक्रमण को काबू में रखा, लेकिन पिछले एक-दो सप्ताह से ओमिक्रॉन के कारण दबाव बढ़ता जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, शनिवार को स्थानीय संक्रमण के 1,656मामले दर्ज किए गए। इनमें से 1,191जिलिन, 158फूजियान, 51शैनदोंग, 51गुआंगदोंग और 39लियोनिंग प्रांत में सामने आए। 81मामलों में संक्रमित चीन के बाहर से आए थे।
शून्य कोविड नीति की वजह से कोविड प्रभावित प्रांतों में आर्थिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं। थिंक टैंक, पॉलिसी रिसर्च ग्रुप (पीओआरईजी) के विश्लेषकों के मुताबिक, चीन में स्थानीय सरकारें भारी वित्तीय बोझ का सामना कर रही हैं। वहीं, चीन के निवेश बैंक तियानफेंग सिक्योरिटीज का कहना है कि, देशभर में कोविड नियंत्रण के लिए जो मॉडल इस्तेमाल किया जा रहा है, उससे वित्तीय दबाव बढ़ रहा है। वहीं, शंघाई स्थित चीन के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व रसद केंद्र पीओआरईजी के मुताबकि, चीन महामारी की शुरूआत के बाद से सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। इससे इसकी अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।