जुलाई की गर्मी सवा लाख साल बाद रेकॉर्ड तोड़ने जा रही है। दुनिया टेंशन में है लेकिन चीन (China)अलग ही चालें चल रहा है। जी हां, इस गर्मी के मौसम में चीन ने पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक LAC पर सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं। ऐसे में आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को लेह जाकर रक्षा तैयारियों की समीक्षा की। वह पाकिस्तान फ्रंट पर सियाचिन ग्लेशियर भी गए। आज वह चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुछ और अग्रिम चौकियों पर जाने वाले हैं।
पिछली बार पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले पॉइंट्स पर 23 अप्रैल को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच चर्चा हुई थी। 19वें दौर की कोर कमांडर लेवल की बातचीत होनी बाकी है। हालांकि सूत्रों की मानें तो चीन (China) की फौज (PLA) ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनातनी खत्म करने के कोई संकेत नहीं दिए हैं। उल्टे, पीएलए बॉर्डर पर सैन्य साजोसामान जुटा रही है।
बॉर्डर पर बंकर और चौकियां बना रहा ड्रैगन
बंकर और पोस्ट बना रही है, तोप, मिसाइल सिस्टम, रेडार और हथियार स्टोरेज बनाए गए हैं। चीन यह सब ऐसे समय में कर रहा है, जब भारत सीमा पर शांति चाहता है और गतिरोध खत्म करने की मंशा रखता है। कुछ हफ्ते पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भी साफ कहा था कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मौजूदा गिरावट भारत की ओर से नहीं, बल्कि चीन की ओर से पैदा की गई है।
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LAC के तीन सेक्टरों- पश्चिम में लद्दाख, मध्य में उत्तराखंड-हिमाचल और पूर्व में (सिक्किम, अरुणाचल)- में पीएलए की गतिविधियां चल रही हैं। पैंगोंग झील के पास पीएलए ने सैनिकों के लिए शेल्टर, हथियार प्रणाली, हमले में इस्तेमाल होने वाली बोट की संख्या बढ़ा दी है। नॉर्थ बैंक पर भी काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। ऐसे में चीन की मंशा ठीक नहीं लग रही है।