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ड्रैगन ने US को दिखाई दबंगई, कहा- हमारी कैपेसिटी को अंडर-एस्टीमेट मत करना, वरना पूरे अमेरिका को…

ड्रैगन ने US को दिखाई दबंगई, कहा- हमारी कैपेसिटी को अंडर-एस्टीमेट मत करना

चीन और अमेरिकी की दुश्मनी आज से नहीं बल्कि बरसो पुरानी है। दोनों देशों के बीच समय-ससय पर बयानबाजी देखने को मिलता रहता है। चीन लगातार अपनी शक्ति में इजाफा कर रहा है और ये अमेरिका से बरदाश नहीं हो रहा है। इसके साथ ही चीन अपने पड़ोशी देशों की जमीन तो हथियाने पर लगा ही है साथ ही समुद्र में भी अपनी दादागिरी दिखा रहा है। चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए अमेरिका लगातार कोशिशें कर रहा है और इसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत संग कई देश चीन की रणनीति को रोकने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं। इन दिनों ताइवान में भी चीन ने अपनी कब्जे की रणनीति तेज कर दी है। साथ ही रूस और यूक्रेन जंग में रूस को चीन का साथ मिल रहा है। इन सबपर अमेरिका जमकर भड़का हुआ है और लगातार ड्रैगन को चेतावनी दे रहा है कि आने वाले दिनों में उसे इसके कड़े अंजाम भुगतने पड़ेंगे। इस बीच चीन ने अपनी दबंगई दिखाते हुए अमेरिका को वॉर्निंग दी है और कहा है कि, अमेरिका चीन की कैपेसिटी को अंडर-एस्टीमेट न करे।

चीनी स्टेट काउंसलर और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ फोन कॉल के दौरान कहा कि, अमेरिका को चीन के दृढ़ संकल्प और क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए। फोन पर बातचीत में, दोनों मंत्रियों ने समुद्री-हवाई सुरक्षा और यूक्रेन की स्थिति जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की। वेई ने कहा कि चीन और अमेरिका को दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बनी सहमति को गंभीरता से लागू करना चाहिए। चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ ठोस और स्थिर संबंध स्थापित करने की उम्मीद करता है। वेई ने कहा कि इस दौरान चीन अपने राष्ट्रीय हितों और गरिमा की रक्षा करेगा।

इसके साथ ही वेई ने अमेरिका को चीन के दृढ़ संकल्प और क्षमता को कम नहीं आंकने की चेतावनी देते हुए कहा कि, दोनों सेनाओं को आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, संवाद और आदान-प्रदान को मजबूत करना चाहिए, जोखिमों औऱ संकटों का प्रबंधन करना चाहिए और व्यावहारिक सहयोग करना चाहिए ताकि द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के सामान्य व स्थिर विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, अगर ताइवान के प्रश्न को ठीक से नहीं संभाला जाता है तो, इसका चीन-अमेरिका संबंधों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीनी सेना राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगी। सिन्हुआ के अनुसार, ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ सैन्य आदान-प्रदान व सहयोग को स्पष्ट और खुले तरीके से मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को जिम्मेदारी से प्रतिस्पर्धा और जोखिमों का प्रबंधन करना चाहिए। साथ ही दोनों सेनाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों को ठीक से संभालना चाहिए।