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हिंद महासागर में भारत की बढ़ती ताकत देख बौखलाया ‘ड्रैगन’ , मिर्ची लगी तो थोप दिए ये झूठे आरोप

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

हिंद महासागर में भारत के अलर्ट रहने से चीन की हालत काफी खराब होते दिख रही है। दरअसल, हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन के जासूसी जहाज को लेकर भारत के बीच में आ जाने से ड्रैगन को खूब मिर्ची लग रही है। इस बीच चीन की सरकार का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के प्रभाव को लेकर भारतीय मीडिया हमेशा हाई अलर्ट पर रहा है। इतना ही नहीं चीन ने झूठा आरोप लगाते हुए कहा है कि इन मीडिया ने पूर्वाग्रह के साथ हिंद महासागर  में चीन की समान्य गतिविधियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया है और यहां तक कि चीन-श्रीलंका संबंधों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की है।

मालूम हो, चीन का जासूसी जहाज युआन वांग 5 मंगलवार को श्रीलंका के बंदरगाह हंबनटोटा   पर पहुंच गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक श्रीलंका में चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में राष्ट्रपति के प्रतिनिधि सहित कई श्रीलंकाई अधिकारी शामिल हुए।

चीन-श्रीलंका संबंध

श्रीलंका को कर्ज के जाल में फंसाने वाला चीन ग्लोबल टाइम्स के जरिए झूठ पर झूठ बोलता रहा। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि चीन और श्रीलंका पारंपरिक रूप से मित्रवत और करीबी पड़ोसी हैं। सालों से दोनों देशों ने समुद्री वैज्ञानिक अनुसंधान में घनिष्ठ सहयोग बनाए रखा है। चीन राजनीतिक आपसी विश्वास को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए श्रीलंका के साथ काम करने को तैयार है।

भारत ने चीनी जासूस का किया था विरोध

ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि जहाज को मूल रूप से 11अगस्त को हंबनटोटा के बंदरगाह  पर डॉक करने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए लगातार श्रीलंका पर चीनी पोत के आगमन को टालने का दबाव बनाया था। वांग ने पहले एक संवाददाता सम्मेलन में ये भी कहा था कुछ देशों के लिए श्रीलंका पर दबाव बनाने के लिए तथाकथित सुरक्षा चिंताओं का हवाला देना पूरी तरह से अनुचित है।Q