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कुर्सी छिनते ही Imran Khan करने लगे हैं भारत की तारीफ, बात-बात पर कहते हैं गुलामों India से सीखो- आखिर क्यों

भारत की तारीफ और शहबाज सरकार पर क्यों बरसे पूर्व पीएम इमरान खान

जब से इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटाया गया है तब से वो गाहे-बगाहे भारत की तारीफ करते नजर आते हैं। इस बार तो तारीफ की हद हो गई। इस्लामाबाद में धरने को संबोधित करते हुए उन्होंने शहबाज शरीफ सरकार को गुलामों की सरकार बताया और कहा कि भारत से सीखो। वो सस्ते में पेट्रोल-डीजल खरीद रहे हैं और अपनी कीमतों में कमी कर रहे हैं और एक पाकिस्तान है जहां पेट्रोल की कीमतों में 30 रुपये का इजाफा किया जा रहा है।

पाकिस्‍तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष के दबाव के आगे झुकते हुए पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में 30रुपये की वृद्धि कर दी है। पाकिस्‍तान के वित्‍त मंत्री मिफ्ताह इस्‍माइल ने गुरुवार रात इसका ऐलान किया। इस वृद्धि के बाद पाकिस्‍तान में पेट्रोल का दाम 179.86रुपये और डीजल का दाम 174.15रुपये हो गया है। शहबाज सरकार के इस फैसले पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भड़क गए हैं और उन्‍होंने भारत से सीख लेने की सलाह दी है।

हालांकि, सच यह भी है कि इमरान खान भी प्रधानमंत्री रहते पाकिस्तानी अवाम को महंगाई और भुखमरी से राहत नहीं दिला पाए थे। अगर वो इस समय सत्ता में होते तो उन्हें भी यही करना होता। बहरहाल, इमरान खान ने कहा, इम्पोर्टेड सरकार ने विदेशी मालिकों के सामने गुलामी की कीमत चुकानी शुरू कर दी है और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 30रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्‍तरी शुरू कर दी है। यह हमारे इतिहास में एक बार की गई सबसे बड़ी बढ़ोत्‍तरी है। इस अक्षम और असंवेदनशील सरकार ने हमारी रूस से 30फीसदी सस्‍ते कच्‍चे तेल की डील को आगे नहीं बढ़ाया।'

पूर्व पाकिस्‍तानी पीएम इमरान खान ने कहा, 'इससे उलट भारत जो अमेरिका का रणनीतिक सहयोगी देश है, उसने रूस से सस्‍ता तेल खरीदकर 25रुपये दाम घटा दिए हैं। अब हमारा देश महंगाई के एक और बड़े डोज का सामना करेगा।' इमरान खान का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्‍तान सरकार ने आईएमएफ से लोन को लेकर बातचीत फिर से शुरू करने के लिए तेल दामों में यह ऐतिहासिक बढ़ोत्‍तरी की है।

वित्‍तमंत्री इस्‍माइल ने कहा कि इस बढ़ोत्‍तरी के बाद भी अभी सरकार को डीजल के दामों में प्रति लीटर 56रुपये का घाटा हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को इस फैसले के दुष्‍परिणामों का अहसास है। इस्‍माइल ने कहा, 'हम आलोचना झेलेंगे लेकिन देश और उसका हित हमारे लिए जरूरी है। हमारे लिए इसे बचाए रखना आवश्‍यक है। उन्‍होंने कहा कि अगर इन कदमों को नहीं उठाया गया होता तो पाकिस्‍तान गलत दिशा में जा सकता था।