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“सिर्फ भारत ही अब पाकिस्तान की डूबती नैय्या को लगा सकता है पार “, पाकिस्तान के एक्सपर्ट्स ने दी Bhutto को सलाह

बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bhutto),

बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bhutto), पिछले करीब 12 वर्षों में भारत आने वाले पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री (Bhutto) होंगे और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि कर दी है, कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री मई महीने में गोवा में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेंगे। साल 2014 के बाद पहला मौका होगा जब पाकिस्‍तान से कोई हाई-प्रोफाइल नेता (Bhutto) भारत का दौरा करेगा। चार और पांच मई को भारत के राज्‍य गोवा में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के विदेश मंत्रियों का पणजी में सम्‍मेलन होने वाला है।भारत में इस सम्‍मेलन को लेकर जहां काफी तैयारियां चल रही हैं तो वहीं पाकिस्‍तान में इस पर काफी बहस हो रही है। बिलावल (Bhutto) के गोवा आने से ठीक पहले पूर्व सेना प्रमुख जनरल (रिटायर्ड) कमर जावेद बाजवा से जुड़ी एक जानकारी आई। इसके मुताबिक बाजवा ने पर्दे के पीछे काफी कोशिशें कीं कि भारत के साथ रिश्‍ते बेहतर हो जाएं। मुल्‍क के कई जानकार इसे बिलावल दौरे को खराब करने वाला स्‍टंट करार दे रहे हैं। वहीं कुछ मान रहे हैं कि जिस तरह के हालात हैं उसमें यह दौरा बहुत महत्‍वपूर्ण हो जाता है।

दुनिया के लिए कश्‍मीर और भारत-पाकिस्‍तान का मामला बासी हो गया है

भारत पाकिस्‍तान मामलों के जानकार शहजाद चौधरी ने एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून में एक आर्टिकल लिखा है। उन्‍होंने इसमें लिखा है कि बाजवा नवंबर 2022 में रिटायर हो गए थे। उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, वो कितने सही हैं, इसका भी कुछ पता नहीं है। लेकिन पाकिस्तान की भारत नीति आज तक नहीं बदली है। भले ही वह इसे बदलना चाहते हों लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। उनके मुताबिक पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था और देश के राजनीतिक हालात काफी खराब हैं। साथ ही अब दुनिया के लिए कश्‍मीर और भारत-पाकिस्‍तान एक उबाऊ और बासी मामला हो गया है।

उनका कहना है कि भारत दुनिया में आर्थिक और राजनीतिक स्‍तर पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। कश्‍मीर के लोग पिछले कई सालों से इस मुद्दे की कीमत चुकाते आ रहे हैं। उनकी मानें तो पाकिस्‍तान की तरफ से इस मुद्दे को लेकर जो भी तर्क दिए जाते हैं वो पूरी तरह से निम्‍न स्‍तर के होते हैं। उनका कहना है कि कश्‍मीर के बारे में सोचना होगा क्‍योंकि यहां के लोगों ने काफी कुछ झेला है।

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शहजाद चौधरी का कहना है कि कश्‍मीर के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए द्विपक्षीय और अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बातचीत की जरूरत है। कश्‍मीरियों के बाद पाकिस्तानियों का नंबर आता है जो बंटवारे के बाद स ही सबसे खराब आर्थिक दुःस्वप्न से गुजर रहे हैं। इन लोगों को राहत और रोजगार की जरूरत है जाकि वो एक अच्‍छी जिंदगी जी पाएं।