हिंदुस्तान अब वो वाला नहीं रह गया दो दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने के बजाय जवाब-सावल करता हो। हिंदुस्तान अब साइलेंट मोड में अपने दुश्मनों को ऐसा जवाब देता है जिसे वो पूरी जिंदगी भूल नहीं पाते। पाकिस्तान और चीन को अच्छे से पता है कि भारत अब पहले जैसे नहीं रह गया। ये नरेंद्र मोदी का भारत है जहां पर वो अपने दुश्मनों के घर में घुस पर मारता है। इसके साथ ही आज दुनिया में भारत की छवि जो उभर कर आई है वो पहले देखने को नहीं मिली थी। क्योंकि, आज दुनिया के बड़े से बड़े देश इंडिया के साथ जुड़ना चाहते हैं। पीएम मोदी की विश्व नेताओं के बीच कितनी गहरी दोस्ती है ये हाल ही में जी-7 शिखर सम्मेलन में देखने को मिल गई थी। जब संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन खुद आकर पीएम मोदी से मिलते हैं। अब पीएम मोदी पश्चिमी देशों के I2U2 summit में नजर आएंगे। जहां पर उनके साथ उनके दोस्त जो बाइडन भी होंगे।
पश्चिम एशिया के क्वाड माने जा रहे नवोदित 'आईटूयूटू' ( I2U2) संगठन की पहली शिखर बैठक आज होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा इस्राइल के पीएम यैर लैपिड व यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी शामिल होंगे। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी काकहना है कि, I2U2 देशों का यह समूह बेजोड़ है। इसके पहले सम्मेलन में वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ कैसे काम कर सकते हैं? इस पर विचार होगा। खाद्य सुरक्षा संकट और स्वच्छ ऊर्जा को आगे बढ़ाने पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा।
I2U2 का नाम काफी सोच समझकर रखा गया है। इसके पहले शब्द I का इस्तेामल इंडिया और इस्राइल के लिए और यू का इस्तेमाल अमेरिका और युनाइटेड अरब अमीरात के लिए है। चारों देशों के नाम के पहले अक्षर को मिलाकर संगठन का यह नाम रखा गया है। भारत, इस्राइल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के इस नए समूह के पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। दुनियाभर में अमेरिकी गठबंधनों को फिर से सक्रिय एवं पुनर्जीवित करने की कोशिशों के तहत यह ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आयोजित होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन 14 जुलाई को अपनी इस्राइल यात्रा के दौरान इन नेताओं के साथ सम्मलेन में भाग लेंगे।
अमरिकी अधिकारी ने कहा है कि, संगठन के लिए हमारी 2 अरब डॉलर की योजना है। इसमें यूएई में भारत में कृषि पार्कों के विकास में मदद कर रहा है। इसका मकसद खाद्य सुरक्षा है। इस शिखर सम्मेलन में विश्व खाद्य सुरक्षा पर खास तौर पर जो दिया जाएगा।