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कंगाल पकिस्तान का होगा और बुरा हाल! पहले खज़ाना खत्म और अब हथियार, 250 Fighter Jet हुए कबाड़

Fighter Jet

गरीबी में आटा गीला होना किसे कहते हैं, यह पाकिस्तान से बेहतर और कौन समझ सकता है। एक ओर दाने-दाने को आवाम मोहताज है, दूसरी ओर सरकारी खजाना खाली हो चुका है और अब जिसके दम पर बार-बार वह गीदड़भभकी देता था, वह हथियार (Fighter Jet) भी अब कबाड़ हो चुका है। जी हां, पाकिस्तान के एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों लड़ाकू विमान कबाड़ हो चुके हैं और अब पाकिस्तानी एयरफोर्स से उनका साथ छूटने वाला है। पाकिस्तानी एयरफोर्स के 250 फाइटर जेट रिटायर होने वाले हैं और वह इसकी भरपाई चीन से करने की कोशिश में है।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पीएएफ यानी पाकिस्तान वायु सेना मौजूदा समय में एक संकट का सामना कर रही है क्योंकि उसे लड़ाकू विमानों के अपने सालों पुराने बेड़े को रिटायर करने की आवश्यकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीएएफ अपने 250 फाइटर जेट को चरणबद्ध तरीके से हटाएगा। पाकिस्तानी एयरफोर्स आखिरकार अपने सबसे पुराने फाइटर जेट फ्रांस निर्मित मिराज III को हटा रहा है।इतना ही नहीं, मिराज 5 के एक और बेड़े को भी रिटायर करने की योजना है।

पाकिस्तान पहले ही 22 J-10 CE Fighter Jet खरीद चुका है

हालांकि, खाली होने जा रहे फाइटर जेट के बेड़े को भरने के लिए पाकिस्तान को चीन पर ही निर्भर रहना होगा। माना जा रहा है कि पाकिस्तान अपने पुराने बेड़े को चीन के बनाए J-10C जैसे नेक्स्ट जेनरेशन एयरक्राफ्ट से भरेगा। अपने बेड़े को आधुनिक करने की प्रक्रिया के तहत पाकिस्तान पहले ही 22 J-10 CE फाइटर जेट (Fighter Jet) खरीद चुका है। चीन से प्रस्तावित सौदे के अनुसार, पाकिस्तानी एयरफोर्स चीन से 100 और जेट प्राप्त कर सकता है।

पाकिस्तान अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन की शरण में पहुंचा है

यहां गौर करने वाली बात है कि पाकिस्तान के ये 250 फाइटर जेट ऐसे समय में बेड़े से रिटायर हो रहे हैं, जब पाकिस्तान पूरी तरह से कंगाल हो चुका है। उसके पास अपनी जनता को खिलाने के लिए पैसे नहीं हैं। ऐसे में उसके लिए अपने रिटायर हो रहे लड़ाकू विमानों की भरपाई करना फिलहाल संभव नहीं दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तानी एयरफोर्स के बेड़े में करीब 900 जेट एयरक्राफ्ट हैं। हालांकि, ज्यादातर पुराने हैं और आधुनिक तकनीक से लैस नहीं हैं। यही वजह है कि पाकिस्तान अपनी ताकत बढ़ाने के लिए चीन की शरण में पहुंचा है।

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