पाकिस्तान (Pakistan) अपने दौर के सबसे खराब स्थिति से गुज़र रहा है। देश आर्थिक संकट की चौतरफा मार झेल रहा है। IMF ने पाकिस्तान को लोन देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में पाकिस्तान बिलकुल डिफ़ॉल्ट होने की कगार पर पहुंच गया है। गरीबी का आलम ऐसा है कि लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं है। यही नहीं सरकार का विदेशी मुद्रा भंडार भी गिरता जा रहा है जो रुकने का नाम तक नहीं ले रहा है। अब पाकिस्तान को आयात के लिए पाकिस्तान को अपने देश में पैदा होने वाली चीजों को भरोसे बैठने पड़ रहा है। यानी जरूरी चीजों के लिए पाकिस्तान अब वस्तु विनिमय व्यापार का सहारा ले रहा है जिसका मतलब है एक हाथ से कोई सामान लेकर दूसरे हाथ से कोई समान देना। पाकिस्तान में एक विशेष ऑर्डर पारित किया गया है जिसके जरिए वो अफगानिस्तान, इरान और रूस के साथ वस्तु विनिमय व्यापार कर सकता है।
Pakistan की खस्ता अर्थव्यवस्था
पाकिस्तान की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वह इन तीनों देशों से दूध, अंडे और मछली के बदले कोयला, धातु, गेंहूं, पेट्रोलियम खरीद रहा है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने एक स्टेटुचरी रेगुलेटरी ऑर्डर पारित कर बी2बी बार्टर ट्रेंड को मंजूरी दी है। पाकिस्तान (Pakistan) की खस्ता अर्थव्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 38 फीसदी और महंगाई पर आधारित इंडेक्स में 48 फीसदी तक पहुंच चुका है। इसी कारण पाकिस्तान अब बार्टर व्यापार करने को मजबूर है और पड़ोसी देशों से मदद ले रहा है।
आईएमएफ ने भी पाकिस्तान की आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है
यही नहीं अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भी पाकिस्तान की आर्थिक मदद करने से इनकार कर दिया है जिसका साफ मतलब है कि पाकिस्तान अब दिवालिया हो चुका है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इन दिनों भगवान भरोसे ही चल रही है। यहां खाने पीने की सभी वस्तुओं पर महंगाई की भीषण मार देखने को मिल रहा है जिस कारण लोगों को यहां ढंग से तीन वक्त का खाना तक नसीब नहीं मिल रहा है। लोग जैसे तैसे कुछ भी सादा सा भोजन कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान में राजनीतिक घमासान भी अपने चरम पर पहुंच चुका है।
यह भी पढ़ें: Pakistan में मची खलबली! IMF ने खारिज की क़र्ज़ की अर्ज़ी, क्या डिफ़ॉल्ट हो जाएगा जिन्नालैंड?