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झटके पर झटका!एक और दर्द से कराहेगी आवाम, शहबाज ने अब फोड़ा 115 अरब का टैक्स बम

Pak सरकार ने जनता पर नए टैक्स लागू किए

पाकिस्तान (Pakistan) में इस वक्त भारी तबाही मची हुई है। कंगाली की राह पर मुल्क कई सारी समस्याओं का एक साथ सामना करना पड़ा रहा है। हालांकि, इन सब के पीछे कोई और नहीं बल्कि खुद पाकिस्तान (Pakistan) ही दोषी है। चीन से दोस्ती करना उसके लिए इतना भारी पड़ रहा है लेकिन, फिर वो उसी के आगे पीछे घुम रहा है। चीन पाकिस्तान इकोनॉमी कॉरीडोर के जरिए कई सारे प्रोजेक्ट पर चीन काम कर रहा है। लेकिन, जहां इनका पाकिस्तान (Pakistan) को लाभ होना चाहिए तो वहीं, आर्थिक रूप से पूरी तरह कमजोर हो गया है। बिजली का संकट पहले से ही है, महंगाई के चलते जनता नई सरकार से भी खुश नहीं है। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। खाने के लिए जनता के पास पैसे नहीं। ऐसे में पाकिस्तान की अवाम जब मंगलवार की रात सो रही थी, तब शहबाज शरीफ सरकार ने उस पर 115 अरब रुपए का ‘टैक्स बम’ फोड़ा है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने आईएमएफ की शर्तों का पालन करने के लिए एक मिनी-बजट पेश करने से जुड़ा अध्यादेश जारी करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शहबाज ने बीती संघीय राजस्व बोर्ड (FBR) की ओर से एक नोटिफेकशन जारी कर 115 अरब रुपए के टैक्स लागू कर दिया है।

टैक्स बढ़ाया गया

15 फरवरी 2025 को सामान्य बिक्री कर (GST) की मानक दर को 17 फीसदी से बढ़ाकर 18 कर दिया गया है। सिगरेट पर एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ाई गई है। शहबाज शरीफ कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद FBR ने वैधानिक नियामक आदेश (SRO) जारी किया। IMF की शर्तों के बाद 115 अरब रुपए का टैक्स बटोरने के लिए यह टैक्स लगाया गया है। FBR ने उन सभी आयातिति लग्जरी सामानों पर GST दर बढ़ा दी है, जिन्हें कुछ समय पहले वाणिज्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित कर दिया था। पाकिस्तान में बनने वाले कुछ लग्जरी सामानों पर भी जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। शहबाज शरीफ सरकार ने अवाम पर 115 अरब रुपए का कर लगाने का जो तरीका अपनाया है, उसके बावजूद भी IMF के साथ डील में देरी हो सकती है।

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दिवालिया होने का खतरा बढ़ा

फिच ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान की दीर्घकालिक विदेशी-मुद्रा जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग (IDR) को CCC+ से घटा कर CCC- कर दिया गया है। विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण यह रेटिंग घटाई गई है। एजेंसी की रेटिंग एक्शन कमेंट्री के मुताबिक उन्हें उम्मीद है कि पाकिस्तान आईएमएफ के साथ डील में सफल होगा। लेकिन रेटिंग घटाना दिखाता है कि पाकिस्तान की मुश्किलें कम नहीं होंगी।