भारत और चीन के बीच सीमा पर भले ही इस वक्त शांती है लेकिन, अंदर ही अंदर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। इन सबके पीछे कारण सिर्फ चीन ही है। गलवान घाटी में चीन जबरन भारतीय सीमा में घुस आया था जिसके बाद भारतीय जवानों ने उसे ऐसा सबक सिखाया कि वो उसे अबतक नहीं भुल सका। लेकिन, इसके बाद भी ड्रैगन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। वो एक ओर भारत संग शांती की बात करता है दूसरी ओर वो सीमा पर कोई न कई ऐसी हरकत करता है जिसके चलते दोनों देशों के बीच गतिरोध और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अभी कुछ दिनों पहले ही भारतीय सीमा के करीब चीन का फाइटर जेट दिखा था। जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। अब भारत ने एक बार फिर से चीन को साफ शब्दों में कहा है कि, अड़ंगेबाजी छोड़ चीन भारत से हाथ मिलाए क्योंकि, बिना इसके एशिया की सदी संभव नहीं है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि, एशिया की सदी तभी संभव है जब चीन अंड़गेबाजी छोड़कर भारत के साथ हाथ मिलाए। चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय में 'इंडियाज विजन ऑफ द इंडो-पैसिफिक' पर व्याख्यान दे रहे जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन साथ नहीं आए तो एशिया की सदी होना बहुत मुश्किल है। भारत और चीन के साथ आने के कई तरीके हैं। सिर्फ श्रीलंका का मुद्दा काफी नहीं है। भारत और चीन के परस्पर हित ही साथ आने के लिए काफी हैं। जयशंकर ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि चीन को यह बात समझ आएगी और उसकी ओर बुद्धि का उदय होगा।
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इसके आगे उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत ने पूरी क्षमता के साथ श्रीलंका का सहयोग किया है। उन्होंने यह भी बताया कि, इस सामल हमने 3.8 अरब डॉलर की आर्थिक मदद चीन को दी है। इसमें कर्ज की बढ़ाई गई सीमा शामिल है। रोहिंग्या को लेकर उन्होंने कहा कि, बांग्लादेश के साथ इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। उनके लिए ज्यादा जरूरी है, उनकी वतन वापसी और हम इसमें बांग्लादेश का समर्थन करते हैं। बता दें कि, फिलहाल, बांग्लादेश में 10 लाख से अधिक रोहिंग्या मौजूद हैं, जो म्यांमार से वहां पहुंचे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने थाईलैंड में हिंदू मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि, बैंकाक के देवस्थान में सुबह प्रार्थना कीष फ्रा महाराजागुरु विधि का आशीर्वाद लिया। देवस्थान या 'थाई रॉयल कोर्ट' का 'रॉयल ब्राह्मण ऑफिस' बैंकॉक के फ्रा नाखोन जिले में वाट सुथत के पास स्थित है। यह मंदिर थाईलैंड में हिंदू धर्म का आधिकारिक केंद्र है।