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Agnipath पर आगे बढ़ी सरकार एज लिमिट 2 साल बढ़ाई, अग्निवीरों के 4 साल- सुनहरे साल, देखें कैसे

अग्निवीरों के 4 साल, गोल्डन इयर

अग्निपथ पर सरकार आगे बढ़ चुकी है। अग्निवीरों को उकसाए जाने पर सरकार ने फिर से स्पष्टीकरण दिया है। सरकार ने बताया है कि अग्निवीरों के चार साल उनके करियर के गोल्डन इयर साबित होंगे। क्योंकि ग्रूमिंग के साथ-साथ आर्थिक तौर पर मजबूती उनके मजबूत और उज्जवल भविष्य की नींव पड़ेगी। अग्निवीरों के लिए यूजीसी ने सिलेबस तैयार किया है। राज्य सरकार और गृह मंत्रालय ने 4 साल की आर्मी ट्रेनिंग पूरी करने वाले अग्निवीरों को पुलिस, सभी पैरा मिलिट्री फोर्स और असाम राइफल्स को वरीयता और प्राथमिकता का भरोसा दिया है। इसके अलावा देश के सबसे बड़े निजी संस्थानों में शामिल लार्सन एण्ड ट्रुबो के डायरेक्टर जेडी पाटिल, और जे़ने टेक्नोलॉजीस के किशन अतलुरी ने कहा कि प्राईवेट सेक्टरअग्निवीरों की पहली ट्रेनिंग की प्रतीक्षा कर रहा है। 

इस साल की भर्ती के लिए बढ़ गई उम्र सीमा

बवाल वाले राज्यों के युवाओं  को समझाने के लिए केंद्र एंव राज्य सरकारों ने विशेष अभियान चलाया है। इसी के साथ एज लिमिट को दो साल बढ़ा दिया गया है। सरकार ने कहा कि सेना की इस योजना में अग्निवीरों की प्रतिभा हर क्षेत्र में बढाने की योजना है। अग्निवीरों के लिए प्लस टू और ग्रेजुएशन के  लिए विशेष कोर्स का ऐलान किया है। अग्निवीर अपनी ट्रेनिंग के साथ एजुकेशनल क्वालिफिकेशन बढ़ाने के मौके मिलेंगे। एक बात और कि अग्मिवीरों की ट्रेनिंग के बाद चार में एक को सेना में परमानेंट नौकरी की गारंटी है। शेष को विशेष प्रमाणपत्र-नकद आर्थिक मदद और  सरकारी अर्धसरकारी, स्वशासी संस्थान और निजी संस्थानों की नौकरियों मे वरीयता और प्राथमिकता की गारंटी है।

शिक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, इग्नू द्वारा तैयार और निष्पादित किए जाने वाले कार्यक्रम के तहत स्नातक उपाधि के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत क्रेडिट कौशल प्रशिक्षण से मिलेगा, जिसमें अग्निवीर द्वारा प्राप्त तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों प्रशिक्षण शामिल हैं। बता दें कि, सेनाओँ में चार साल के लिए अस्थाई सैनिकों अग्निवीर की नियुक्ति के बीच रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि, पहले साल सेनाओं में कुल तीन फीसदी अग्निवीर नियुक्त किए जाएंगे। भविष्य में किसी भी समय में अग्निवीरों की संख्या सेनाओं की कुल संख्या के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। यानी सेनाओं में 50 फीसदी तक अग्निवीर जवान नियुक्त किये जा सकेंगे।