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मदद करने वाले Germany की ही पीठ में Bhutto ने घोंपा खंजर! भारत बोला यही असली चेहरा

India Reply to Germany on Kashmir: पाकिस्तान (Pakistan) इतना बेशर्म है कि शायद ही कोई देश उसके जैसा हो। एक ओर देश कंगाली से जूझ रहा है, उसके ही आतंकी उसी के लिए नासूर बनते जा रहे हैं। बलूचिस्तान और पीओके के लोगों का जीना हराम कर रखा है। अल्पसंख्यकों पर आए दिन हमले होते हैं। आजादी के बाद हिंदुओं की जो संख्या थी वो अब कुछ ही बची हुई है और ये पाकिस्तान विश्व मंच पर कश्मीर (Pakistan on Kashmir) का राग अलापता है। पाकिस्तान अपने यहां की चीजों को सही करने के बजाय वो भारत के कामों में टांग अड़ा रहा है। यही कारण है कि वो आज तक इतना पीछे रह गया है। दुनिया के सामने इस वक्त पाकिस्तान कटोरा लेकर घूम रहा है और बाढ़ राहत के नाम पर भीख मांग रहा है। अमेरिका संग कई और देशों की ओर से मदद मिली है। इन्हीं में से एक है जर्मनी (Germany), जिसने पाकिस्तान को राहत पैकेज के नाम पर मोटी रकम दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री यहां भी झूठ बोलने से बाज नहीं आए। बिलावल भुट्टो यहां भी कश्मीर का राग अलाप दिये और जर्मनी उनकी झूठी बातों में आ गया। जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा है कि, कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र को आगे आना चाहिए। इसपर जर्मनी को भारत (India Reply to Germany on Kashmir) ने करारा जवाब दिया है। भारत (India Reply to Germany on Kashmir) ने कहा है कि, कश्मीर मुद्धा के बजाय पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से निपटने का प्रयास करें, जिन्होंने लंबे समय से जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाया है।

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पाकिस्तानी आतंकवादियों से निपटने का प्रयास करे दुनिया
भारत लगातार कहता रहा है कि ‘कश्मीर’ भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें किसी अन्य देश की दखलअंदाजी स्वीकार्य नहीं है। जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक के आह्वान ने भारत को एक बार फिर वही बात दोहराने पर मजबूर कर दिया है कि ‘कश्मीर मुद्दा’ भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मुद्दा है। भारत ने शनिवार को पाकिस्तान और जर्मनी के विदेश मंत्रियों के इस आह्वान को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के हल के लिए UN को आगे लाने का आह्वान करने के बजाय वैश्विक समुदाय के सभी कर्तव्यनिष्ठ सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों से निपटने का प्रयास करें, जिन्होंने लंबे वक्त से जम्मू-कश्मीर को निशाना बनाया है।

पाकिस्तानी आतंकियों पर लगाम के लिए साथ आए दुनिया
इसके आगे उन्होंने कहा कि, जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है और यह अब तक जारी है। दुनिया की जिम्मेदारी है कि वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, खासतौर से सीमा पार (पाकिस्तान) के आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाएं। बागची ने कहा, वैश्विक समुदाय के सभी गंभीर और कर्तव्यनिष्ठ सदस्यों की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, खासतौर से सीमा पार के आतंकवाद को खत्म करने की भूमिका और जिम्मेदारी है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने दशकों से इस तरह के आतंकवाद का खामियाजा भुगता है। यह अब तक जारी है। विदेशी नागरिक वहां और भारत के अन्य हिस्सों में भी इससे पीड़ित हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और एफएटीएफ अभी भी 26/11 के भीषण हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों के पीछे लगे हैं। जब देश स्वार्थ या उदासीनता के कारण ऐसे खतरों को नहीं स्वीकार करते, तो वे शांति के उद्देश्य को कमजोर करते हैं और उसे बढ़ावा नहीं देते हैं। वे आतंकवाद के पीड़ितों के साथ भी गंभीर अन्याय करते हैं।

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कश्मीर पर भुट्टो को झूठ
बता दें कि, बर्लिन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी जब बाढ़ के नाम पर भीख मांगने गए थे तो उन्होंने कश्मीर पर झूठ बोलते हुए कहा कि, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के बिना दक्षिण एशिया के अंदर शांति संभव नहीं है। वहीं, जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि उनका मानना ​​है कि संघर्षों को सुलझाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि हम एक शांतिपूर्ण दुनिया में रहें, दुनिया के हर देश की भूमिका और जिम्मेदारी है।