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मोदी-बाइडेन की जुगलबंदी देख बौखलाया China, अमेरिका के लिए उगला ये जहर

Pm Modi US Visit 2023

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा और भारत-अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्‍ती से चीन (China) का सरकारी मीडिया बौखला गया है। दरअसल, चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के भोंपू ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया कि भारत का अमेरिका के साथ व्‍यापार चीन की जगह नहीं ले सकता है। यही नहीं भारत भी वैश्विक सप्लाई चेन में चीन की जगह नहीं ले सकता है। चीनी अखबार का कहना है कि भारत जितना ज्‍यादा अमेरिका को निर्यात करेगा, उसे उतना ज्‍यादा ही चीन से आयात करना होगा। विश्‍लेषकों का कहना है कि पीएम मोदी की इस यात्रा में सबसे ज्‍यादा चर्चा चीन पर ही फोकस रहनी है, ऐसे में उसका बौखलाना स्‍वाभाविक माना जा रहा है।

ग्‍लोबल टाइम्‍स का कहना है कि भारतीय प्रधानमंत्री की साल 2014 में पद संभालने के बाद अमेरिका की छठवीं यात्रा है। चीनी अखबार ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने इस संबंध में अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं कि भारत चीन के साथ विवाद करे। उसने माना कि इस समय अमेरिका और भारत के बीच व्‍यापार लगातार तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका साल 2022-2023 में भारत का सबसे बड़ा व्‍यापारिक साझीदार रहा है। उसने कहा कि इसी तरह से अगर अमेरिका से रिश्‍ते मजबूत होते रहे तो यह भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को काफी फायदा पहुंचाएगा।

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चीन के खिलाफ चाल चल रहा अमेरिका

चीनी अखबार का कहना है कि इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि अमेरिका ने भारत के साथ व्‍यापारिक रिश्‍ते मजबूत करने के दौरान कई भूराजनीतिक चाल चली है। उदाहरण के लिए अमेरिका ने IPEF से चीन को बाहर रखा है जिसका निर्माण हिंद प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाना है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि अमेरिका की चाल को भांपना मुश्किल नहीं है। अमेरिका की कोशिश है कि चीन की आर्थिक बढ़त को धीमा करना है।

चीन की ग्‍लोबल सप्लाई चेन में स्थिति को भारत या किसी दूसरी अर्थव्‍यवस्‍था से बदला नहीं जा सकता है। भारत का अमेरिका के साथ निर्यात जहां बढ़ रहा है, वहीं चीन से उसका आयात भी बढ़ रहा है। भारत अभी भी चीन से सबसे ज्‍यादा आयात करता है। कोरोना महामारी के बीच भी साल 2021 में चीन और भारत का व्‍यापार 100 अरब डॉलर को पार कर गया। साल 2022 में भारत और चीन का व्‍यापार 135 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो रेकॉर्ड है।