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Imran khan की कुर्सी जानी तय! चीन के इशारों पर नाचते हुए, फिर अमेरिका से ले बैठे पंगा

Imran khan की कुर्सी जानी तय!

चीन के चक्कर में फंसे इमरान खान एक बार फिर से अमेरिका से पंगा ले रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबानियों के कब्जा करने के बाद भी जब इरमान खान ने अमेरिका के खिलाफ गए थे तब उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी और यही वजह है कि राष्ट्रपति बनने के बाद अब तक जो बाइडेन ने उन्हें फोन तक नहीं किया है। अब एक बार फिर से इमरान खान ने चीन की तरफदारी करते हुए अमेरिका को खरी-खोटी सुनाया है।

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पाकिस्तान की सत्ता में इन दिनों भूचाल चल रहा है। कहा जा रहा है कि, इमरान खान के नीचे से कभी भी सत्ता की जमीन खिसक सकती है। लेकिन इन सबके बाद भी अपने मुल्क पर ध्यान देने के बजाय इमरान खान दुसरों के कामों में टांग अड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इमरान खान ने कहा है कि अमेरिका ने हमेशा अपने रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया है और अब जब उद्देश्य पूरा हुआ तो उसने देश पर प्रतिबंध लगा दिए जबकि दोस्त चीन समय की कसौटी पर खरा उतरा।

'द न्यूज इंटरनेशनल' अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, इमरान खान ने हाल ही में 'चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ फुडन यूनिवर्सिटी' की सलाहकार समिति के निदेशक एरिक ली के साथ एक साक्षात्कार के दौरान यह टिप्पणी की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, कई बार उनके देश के अमेरिका के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। लेकिन, जब भी अमेरिका को लगता है कि उसे अब पाकिस्तान की जरूरत नहीं है तो वह उससे दूरी बना लेता है। अफगानिस्तान को लेकर इमरान खान ने कहा कि, जब भी अमेरिका को हमारी जरूरत पड़ी, उन्होंने संबंध स्थापित किए, और पाकिस्तान (सोवियत के खिलाफ) एक अग्रणी राज्य बन गया, और फिर उसे छोड़ दिया और हम पर प्रतिबंध लगा दिए।

इमरान खान बीजिंग के शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में भेग लेने के लिए 3 से 6 फरवरी तक चीन में रहे। इसी दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, बाद में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध बहाल किए गए और इस्लामाबाद वाशिंगटन का मित्र बन गया। उस समय अमेरिका ने हमारी मदद की, लेकिन जैसे ही सोवियत संघ ने अफगानिस्तान छोड़ा, अमेरिका ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा दिए। 9/11 के आतंकी हमले हुए, तो अमेरिका-पाकिस्तान संबंध फिर से बेहतर हो गए। हालांकि, जब अमेरिका अफगानिस्तान में विफल रहा, तो हार के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया गया।

चीन के साथ पाकिस्तान के संबंध को लेकर इरमान खान ने कहा कि, पाकिस्तान और चीन के साथ अब संबंध वैसे नहीं रहे हैं, इस्लामाबाद और बीजिंग सदाबहार सहयोगी हैं। चीन एक दोस्त है जो हमेशा पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा है। पिछले 70 वर्षों के दौरान दोनों देशों ने हर मंच पर एक-दूसरे का समर्थन किया है।

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इमरान खान ने यो जो बयान दिया है इसके पीछे कई कारण है जिसमें से एक यह कि, इन दिनों पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता हुई पड़ी है और इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। इसके लिए इमरान खान बीजिंग के सामने कटोरा लेकर 9 अरब डॉलर की भींग मांग रहे हैं। ऐसे में चीन के खिलाफ वो जा नहीं सकते। रही बात अमेरिका की तो तालिबान को लेकर उन्होंने पहले से ही अमेरिका के साथ अपने संबंध खराब कर लिए हैं। ऐसे में उन्हें अच्छे से पता है कि इस वक्त अमेरिका उनकी एक रत्ती भर भी मदद नहीं करेगा और चीन अपने मतलब के लिए पाकिस्तान को इशारों पर बंदर की तरह नचा सकता है।