पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान पैसे के लिए कुछ भी कर सकते हैं। इस्लामाबाद की हरकतों से ऐसे संकेत मिले हैं कि इमरान खान 2018 से पहले की स्थिति में लौट आए हैं। इमरान खान चाहते हैं कि किसी भी तरह सीपेक (चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर) को रद्द करने पर आमादा है। इमरान खान ने इस बारे में अमेरिकन नागरिकता वाले एनएसए मोइद यूसुफ ने अमेरिका से इस बारे में कूटनीतिक पहल शुरू कर दी है। मोइद यूसुफ ने अमेरिकी समकक्ष को संकेत दिए हैं कि अगर अमेरिका पाकिस्तान को पहले जैसी आर्थिक और सैन्य मदद बहाल कर दे तो वो चीन के दखल को कम कर सकता है।
अमेरिका ने अगर पाकिस्तान को मदद बहाली का आश्वासन दे दिया तो पाकिस्तान चीन और रूस दोनो को एक साथ धोखा दे सकता है। इन खबरों की आहट से चीन और रूस दोनों के कान खड़े हो गए हैं। यही कारण है कि यूक्रेन से जंग के बीच पाकिस्तानी पीएम इमरान खान का खैरमकदम करने वाले पुतिन ने इमरान खान के साथ कोई समझौता या ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी नहीं किया।
पाकिस्तान के आर्थिक मामलों में चीन के बढ़ते दखल से इंटरनेशनल बिरादारी नाराज हो चुकी है। पाकिस्तान पूरी तरह आइसोलेट हो चुका है। इसी आइसोलेशन को खत्म करने के लिए पाकिस्तान एक बार फिर अमेरिकी कैम्प में अपनी हाजिरी पक्की करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहा है।
कई समाचार एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान की ओर से सीपेक को पूरी तरह रद्द किए जाने की पेशकश कर दी गई है। एजेंसियों का दावा है कि इमरान खान ने मोइद यूसुफ को पाकिस्तान का एनएसए नियुक्त ही इसी मकसद से किया था कि वो वेस्टर्न कैंप से नजदीकी बढ़ाकर चीन के मकड़जाल से मुक्ति दिलाएंगे लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई खास प्रोग्रेस नहीं हुई है।
समाचार एजेंसियों ने जोर देकर दावा किया हैकि अगर पाकिस्तान को वाशिंगटन से चीन जैसी वित्तीय मदद मिलती है तो वह चीन के साथ सीपेकको पूरी तरह खत्म कर देगा। ध्यान रहे, सीपेक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रोजेक्ट बीआरआई का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चीन अभी तक इस प्रोजेक्ट के बहाने पाकिस्तान 73 बिलियन डॉलर की मदद कर चुका है।
यहां यह बात भी ध्यान देने वाली है कि 2018 में सत्ता में आने पर इमरान खान ने सीपेक के तहत किए गए तमाम प्रोजेक्ट्स की पुनर्समीक्षा के आदेश दिए थे। इससे नाराज होकर चीन ने सीपेक की ग्रांट रोक दी थी। भारत से पाकिस्तान को लड़ाने और खुद भारत पर दबाव बनाए रखने के उद्देश्य से चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान को हथियार और पैसे देने शुरु कर दिए, मगर अब इमरान खान चीन के साथ ही यू टर्न लेने जा रहे हैं।
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब दो साल से सीपेक का काम बंद रहने से चीन काफी नाराज है। बलूचिस्तान के ग्वादर में बलोच फ्रीडम फाइटर पाकिस्तान और चीन को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। बलोच फ्रीडम फाइटर्स के अलावा, पॉलिटिकल पार्टीज, सिविल राइट्स एक्टिविस्ट्स, मछुआरे समेत कई अन्य तबकों के लोग सीपेकके विरोध में सरकार विरोधी रैलियों में शामिल हो रहे हैं।
ध्यान रहे, इमरान खान इसी महीने की 24 फरवरी को रूस पहुंचे थे। इमरान खान ने अमेरिका को नाराज करने वाला बयान भी दिया था। इसके तुरंत बाद बाइडन का बयान आया था कि यूक्रेन पर हमला करने वाले रूस के साथ जो भी आएगा उसाक हस्र भी रूस जैसा ही होगा। इमरान के बयान की दुनिया भर में निंदा हुई और देश में भी उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़ी। इसीलिए इमरान खान अब अमेरिका को खुश करने के लिए नए सिरे से लामबंदी करने में जुट गए हैं।