पाकिस्तान में इस वक्त ये कहना की सबकुछ ठीक है तो सही नहीं होगा, क्योंकि देश में इस वक्त कई तरह का भूचाल आया हुआ है। एक तो महंगाई की मार से जनता परेशान है और विपक्ष इमरान सरकार पर जमकर हमले कर रही है। दूसरी ओर इमरान खान की सबसे बड़ी परेशानी का कारण मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) है जिसकी वजह से इमरान खान सरकार की रातों की नींद उड़ी हुई है। इसके साथ ही TLP के हिंसक प्रदर्शनों के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को 35 अरब रुपये का नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) ने इमरान सरकार की नींद उड़ा दी है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए टीएलपी ने देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन किए, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था को 35 अरब रुपये का नुकसान हुआ है। लाहौर में मुख्यमंत्री के विशेष सहायक हसन खवार ने ये जानकारी दी है। देश पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में होने के कारण देश को कर्ज लेने में भी दिक्कतें आ रही हैं।
हसन खवार ने कहा कि, TLP के विरोध प्रदर्शन और सड़कों पर नाकेबंदी से पहले ही 4 अरब रुपए का अतिरिक्त नुकसान हो चुका है। सड़कें बंद होने से बाजारों तक फलों और सब्जियों की सप्लाई नहीं हो सकी। खाने का सामान ट्रकों में पड़े-पड़े सड़ गया। ये कट्टरपंथी संगठन पाकिस्तान में 2017 से ही प्रदर्शन कर रहा है। इस दौरान सार्वजनिक संपत्ति और व्यवसायिक गतिविधियों को खूब नुकसान पहुंचाया गया जिसके चलते 35 अरब रुपए का नुकसान हुआ है।
पाकिस्तान में हालत ये है कि टीएलपी के प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को मार रहे हैं, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे है। लाहौर में शनिवार को इस प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों ने पुलिस के साथ झड़प की थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए। टीएलपी के प्रवक्ता का कहना है कि उनका संगठन पाकिस्तान सरकार से अपनी मांगे मनवाकर रहेगा। टीएलपी मांगे है कि, फ्रांस के राजदूत को निष्कासित किया जाए। साथ ही टीएलपी प्रमुख साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस से आयातित सामान का बहिष्कार हो।