पाकिस्कान की इन दिनों हालत बेहद ही खराब है, देश की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। महंगई आम जनता की कमर तोड़ रही है। इस बीच इमरान सरकार की रातों की नींद कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन भी हराम किए हुए हैं। एक कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के प्रमुख ने दावा किया है कि, वह पाकिस्तान के 2023 के चुनाव में किंगमेकर होगा। वैसे भी पाकिस्तान को देखकर ऐसा लगता है कि अफगानिस्तान के राह पर चल रहा है।
पाकिस्तान सरकार जिस तरह से कंट्टरपंथी संगठनों और आतंकियों को छूट दे रही है उसे देख कर यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान के सत्ता की कमान आतंकियों के हाथों में होगी। क्योंकि, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के प्रमुख साद हुसैन ने पाकिस्तान सरकार और आर्मी की नाकों में दम कर रखा है। ऐसा लग रहा है कि टीएलपी के आगे पाकिस्तान सरकार और आर्मी झुक गई है। हाल ही में पाकिस्तान में एक श्रीलंकाई नागरिक की भीड़ ने पहले मारा उसके बाद में जिंदा जला दिया। और ये कोई और नहीं बल्कि TLP के ही कार्यकर्ता थे। अब टीएलपी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने भविष्यवाणी की है कि उनकी पार्टी 2023 पाक आम चुनावों में किंगमेकर की भूमिका में होगी।
टीएलपी समर्थकों पर ईशनिंदा के आरोप में एक श्रीलंकाई व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप है। अपने एक इंटरव्यू के दौरान टीएलपी प्रमुख साद हुसैन रिजवी ने कहा कि उनके वोट बैंक को पंजाब और सिंध क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर फायदा मिलेगा, बशर्ते कि चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित हों। रिजवी ने कहा, कोई भी विपक्ष काम नहीं कर पाएगा और टीएलपी के समर्थन के बिना कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना पाएगी।
इसके आगे रिजवी ने कहा कि, टीएलपी को दोनों प्रांतों में अच्छा समर्थन प्राप्त है और पिछले चुनावों की तुलना में हमारा वोट बैंक कई गुना बढ़ा है। यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी रिहाई और चुनावी गठबंधन की संभावना के बाद कोई प्रमुख राजनीतिक दल उनके पास पहुंचे हैं तो साद ने कहा कि टीएलपी के दरवाजे सभी दलों के लिए खुले हैं। हालांकि, ईशनिंदा के आरोप में एक श्रीलंकाई व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या करने के टीएलपी के समर्थकों पर लगे आरोपों पर रिजवी का कहना है कि, इस तरह की घटनाओं में टीएलपी को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। ये सब मीडिया का किया धरा है।
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बता दें कि, साद हुसैन रिजवी को पंजाब सरकार ने 12 अप्रैल को हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया था। शुरू के तीन महीने उसे हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में रखा गया। फिर 10 जुलाई को पाकिस्तान पुलिस ने साद हुसैन रिजवी को आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत हिरासत में लिया था। लेकिन उसके जेल जाते ही पाकिस्तान में उसके समर्थक इतने ज्यादे उग्र हो गए कि मजबूरन पाकिस्तान सरकार को उसे रिहा करना पड़ा।