22 और 23 मार्च को 48 मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री मुस्लिम मुल्कों के संगठन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज की बैठक में हिस्सा लेंगे। ये बैठक पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित की जाएगी। बीते कई सालों में इस बैठक में पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उठाता है, हालांकि इसके लिए उसे कई बार जलील होना भी पड़ा है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात समेत कई देशों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया तक नहीं दी। जिसके चलते इमरान खान यह शिकायत भी कर चुके हैं कि इस्लामिक देश कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ नहीं दे रहे हैं।
बावजूद इसके एक बार फिर पाकिस्तान इस मीटिंग के जरिए कश्मीर का मुद्दा उठाने वाला है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 48 मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल होने की सहमति दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में अफगानिस्तान, कश्मीर, फलीस्तीन, इस्लामोफोबिया समेत कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कुछ साल पहले भी पाकिस्तान ने मुस्लिम देशों की मीटिंग में कश्मीर मुद्दा उठाया था, लेकिन उसे तवज्जो नहीं मिली थी। इस पर तुर्की, मलयेशिया के साथ मिलकर उसने मुस्लिम देशों का एक नया संगठन बनाने की धमकी भी सऊदी अरब जैसे देशों को दी थी।
बीते कुछ सालों में भारत के कई मुस्लिम देशों से संबंध काफी अच्छे हुए हैं। संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब जैसे देशों से भारत की नजदीकी बढ़ी है। यही नहीं हाल ही में सऊदी अरब के सेना प्रमुख भी भारत के दौरे पर आए थे। बीते साल जुलाई में सऊदी अरब में भारत के राजदूत औसिफ सईद ने ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज के सेक्रेटरी जनरल युसूफ अल-ओथेमीन से मुलाकात की थी। आपको बता दें कि बीते महीने इस्लामिक संगठन ने कर्नाटक में हिजाब को लेकर छिड़े विवाद और हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर बात रखी थी।
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने मुस्लिम संगठन को सांप्रदायिक माइंडसेट वाला बताते हुए कहा था कि वह भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहा है। इसके अलावा बीते साल सितंबर में भी संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इस संगठन ने भारत की आलोचना की थी। इस पर भी भारत की ओर से करारा जवाब देते हुए कहा गया था कि ऐसा लगता है कि वह पाकिस्तान के हाथों बंधक हो गया है।