पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्षी दलों को चेतावनी दी कि अगर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे। इसके साथ ही इमरान खान ने विपक्ष की कोई भी बात मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) द्वारा 23 मार्च को जुलूस निकालने की योजना पर पूछे गए सवाल के जवाब में इमरान ने कहा कि यह कदम विफल हो जाएगा। इसके साथ इमरान खान ने चेतावनी जारी की है, कि अगर मैं सड़कों पर आ गया तो विपक्ष को छिपने की कोई जगह नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें पद छोड़ने पर मजबूर किया गया तो वह और भी ज्यादा खतरनाक हो जाएंगे।
आपको बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए उनकी ही पार्टी के नेता जी का जंजाल बन गए है। इस कड़ी में उनके मंत्री असद उमर ने उनपर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को लंदन भेजने का आरोप लगाया। मंत्री ने आरोप लगाया कि पीएम ने नवाज शरीफ के जाने की सारी व्यवस्था कराई थी। आपको बता दें कि असद उमर पाकिस्तान के प्लानिंग, डेवलेपमेंट एंड स्पेशल इनिशिएटिव के मंत्री हैं। उमर ने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ के लंदन जाने के लिए इमरान खान ही जिम्मेदार हैं।
पाकिस्तान की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उमर ने खुलासा किया कि डॉक्टर से इलाज के लिए नवाज शरीफ को लंदन भेजने का फैसला 100 फीसदी प्रधानमंत्री इमरान खान का था। उमर ने कहा कि पीएम इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को लंदन इलाज के लिए भेजे जाने के फैसले को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग में 6 से 8 सदस्य मौजूद थे। मीटिंग का मकसद उद्देश्य यह जानना था कि उनको लंदन इलाज के लिए भेजा जाए या नहीं भेजा जाए। मंत्री के मुताबिक इसके बारे में सबसे पहले कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई थी। सारा फैसला प्रधानमंत्री इमरान खान ने लिया था।