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Pakistan का नया जिन्ना बनना चाहते हैं Imran, PTI समर्थकों ने मिटा दी जिन्नालैंड से कायदे आज़म की यादें

Pakistan का नया जिन्ना बनना चाहते हैं Imran, PTI समर्थकों ने मिटा दी जिन्नालैंड से कायदे आज़म की यादें

पाकिस्तान के हालात ख़राब से भी खराब होते जा रहे हैं। आर्थिक स्थिति तो पहले से ही सबसे निचले स्तर पर आ गई थी। पाकिस्तान हर किसी से भीख मांग कर अपना देश चला रहा था। कई देशो ने तो क़र्ज़ देने के लिए भी साफ़ मना कर दिया था। इतना सब कुछ पहले ही हो रहा था की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री (Imran) की गिरफ़्तारी के बाद पूरा देश जल उठा। इसी आग में इमरान खान (Imran) के समर्थकों ने अपने कायदे आज़म मोहम्मद अली जिन्नाह का घर भी जला दिया है। जिन्नालैंड में जिन्नाह की ही यादें नहीं रही है। इमरान खान (Imran) के समर्थकों ने लाहौर में पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर के घर पर हमला बोला था। लाहौर कोर कमांडर जिन्ना हाउस में रहते हैं, जो पहले पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का निवास स्थान था। हमलावरों की भीड़ ने जिन्ना हाउस को जला दिया। इसके साथ ही पाकिस्तान के इतिहास और जिन्ना से जुड़ी कई मूल्यवान व्यक्तिगत सामान भी स्थायी रूप से राख में तब्दील हो गए।

पाकिस्तानी सेना के अनुसार, जिन्ना हाउस को कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना से 3,50,000 रुपये में हासिल की गई थी। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उनके पास इससे संबंधित एक दस्तावेज भी है। हालांकि, उस दस्तावेज को आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। वहीं, पाकिस्तान की नागरिक सरकार का मानना है कि जिन्ना की बजन फातिमा जिन्ना इस संपत्ति की मालिक ही नहीं हैं। ऐसे में वो जिन्ना हाउस को सेना को कैसे बेच सकती हैं।

किसका था जिन्ना हाउस?

जिन्ना हाउस, जिसे अब कोर कमांडर हाउस भी कहते हैं, वो मूल रूप से मोहन लाल बशीन नाम के एक हिंदू का घर था। 1943 मे मोहम्मद अली जिन्ना ने मोहन लाल बशीन से इस घर का स्वामित्व लिया था। 1948 में जिन्ना की मौत तक यह घर उनके निवास स्थान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता रहा। उनकी मौत के बाद जनवरी 1948 में संपत्ति उनके प्रतिनिधि, सैयद बाबर अली के पिता सैयद मरताब अली को सौंप दी गई थी। उसी वर्ष पाकिस्तानी सेना ने 500 रुपये के मासिक किराए की पेशकश करते हुए इस प्रापर्टी को अपने नियंत्रण में ले लिया था। तब से, जिन्ना हाउस लाहौर के कोर कमांडर के लिए आधिकारिक निवास के रूप में जाना जाता है।

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अल कादिर ट्रस्ट केस में 60 अरब पाकिस्तानी रुपये का भ्रष्टाचार का मामला और तोशाखाना गबन मामला इमरान खान (Imran) के दामन पर लगे सबसे बड़े दाग हैं। इसके बावजूद वो जिन्ना की यादों को मिटाकर अपने समर्थकों के बीच खुद को असली जिन्ना साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।