पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (coronavirus) की दहशत फैल गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कई देशों में कोविड-19 (Covid-19) के पॉजिटिव मामलों में इजाफा हो रहा है। वहीं चीन (China) में कोरोना वायरस महामारी को लेकर स्थिति अभी भी नहीं सुधरी है। ऐसे में कई देशों में चीन से आने वाले यात्रियों की (Covid-19) जांच अनिवार्य करने के कदम से यह वैश्विक चिंता साफ नजर आती है कि कोरोना वायरस (coronavirus) के प्रकोप के दौरान इसके नये स्वरूप सामने आ सकते हैं और इसे लेकर सही जानकारी का न होना एक बड़ा खतरा बन सकता है। अब तक नए वायरस कि कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है, मगर चीन पर 2019 के आखिर में उसके यहां सबसे पहले सामने आए वायरस के बारे में तभी से आगे आकर जानकारी नहीं देने का आरोप है।
चीन में कोरोना वायरस के बेतहशा फैलने की वजह से यहां कोरोना से हर रोज 36,000 लोगों की मौत संभव है। क्योंकि लोग चीनी नव वर्ष मनाने के लिए अपने घरों को जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करने के बाद से देश इस समय एक तबाही के बीच में है। चीन में हर रोज करोड़ों कोरोना के मामले आ रहे हैं। इस बीच मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चीन ने इस सप्ताह माना है कि एक महीने में 60 हजार लोगों की मौत हुई है। हालांकि चीन यह नहीं मान रहा है कि ये मौतें कोरोना के कारण हुई हैं।
चीन ने 8 जनवरी को कोरोना से मौत का अंतिम आंकड़ा जारी किया था, जिसके मुताबिक महामारी की शुरुआत के बाद सिर्फ 5,272 लोगों की मौत कोरोना से हुई है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि 60 हजार मौतों से 10 गुना ज्यादा मौत हुई हैं। क्योंकि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण अस्पताल भरे हुए हैं। चीन ने सिर्फ अस्पताल में हुई मौतों को ही माना है। ऐसे में संभव है कि घरों पर हुई मौतों की संख्या बड़ी हो।
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हर रोज हो सकती है 36 हजार लोगों की मौत
वैसे बताया यह भी जा रहा है चीन में 26 जनवरी तक हर रोज 36,000 मौत हो सकती है। विश्लेषकों का यह भी अनुमान है कि 27 जनवरी तक हर रोज 6.2 करोड़ संक्रमित हो सकते हैं। प्रोफेसर मिनक्सिन पेई का मानना है कि चीन मरने वालों की संख्या छिपाने की पूरी कोशिश करेगा।
अमीर छोड़ रहे देश
हर रोज नए मामलों के बीच देश से अमीरों का पलायन चालू है। चीन के अमीर अन्य देशों में जाने की योजना बना रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन में घरेलू राजनीति जटिल हो गई है। नागरिक विदेशी निवेश के जरिए अपनी संपत्ति को बाहर निकालने की जगह खुद भी दूसरे देशों में बसने का तरीका खोज रहे हैं। अमीर लोग जापान, सिंगापुर और कुछ दक्षिण पूर्व एशियाई देशों को पसंदीदा स्थान के रूप में देख रहे हैं।