चीन की हरकतों को देखकर लगता है कि गलवान वैली में मां भारती के वीर सपूतों ने जो जख्म दिया उसका दर्द ड्रैगन भुला नहीं पा रहा है। गलवान घाटी में चीन जबरन भारतीय सीमा में घुस रहा था जिसके बाद यहा गतिरोध शुरू हो गया। इसी में भारतीय जवान और चीन के सैनिक आमने सामने हुए तो जानें दोनों ओरों से गई। भारत के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के 40 जवान मारे गए थे। पहले तो ड्रैगन ने 4 जवानों के मारे जाने की बात बताई। लेकिन, ऑस्ट्रेलिया की एक रिपोर्ट में ड्रैगन की पोल खोली तो फिर चीन ने माना की उसके 40 जवान मारे गए थे। ड्रैगन LAC पर लगातार सैन्य गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। चीन अपनी दोहरा चरित्र चलने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। एक ओर वो शांति की वार्ता करता है तो दूसरी ओर वो सीमा के अंदर घुसने की कोशिश करता है। अब एक बार फिर से चीन ने अपना दोहरा चरित्र दिखाते हुए दुनिया से कहा है कि, भारत संग शांति को लेकर काम कर रहा है।
चीन एक ओर भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर स्थिति पहले से ही तनावपूर्ण कर रखा है। ऊपर से लद्दाख सेक्टर में चीन आक्रामक नीतियों के चलते लगातार संघर्ष वाली स्थितियां उत्पन्न कर रहा है। लेकिन, इसके बाद भी चीन वैश्विक मंचों पर शांति स्थापित करने की बात कर रहा है। चीन की ये घटिया सोच काम आने वाली नहीं है। सिंगापुर में हो रही शांगरी-ला वार्ता के दौरान चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे ने कहा, भारत और चीन पड़ोसी हैं और अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है।
चीनी रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति स्थापित करने के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया। LAC पर भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष के सवाल पर चीनी रक्षा मंत्री ने कहा, दोनों देशों के बीच करीब 15 दौर की बातचीत हो चुकी है। हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं।
बता दें कि, इससे पहले शांगरी-ला वार्ता में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा था कि, भारत की बढ़ती ताकत ही हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता स्थापित कर सकती है। उन्होंने कहा कि, अमेरिका का मानना है कि भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता और तकनीकी कौशल इस क्षेत्र में एक स्थित शक्ति हो सकती है। उन्होंने प्रमुख तौर पर भारत जिक्र करते हुए कहा कि, चीन हिंद-प्ऱसांत क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपनाए हुए है और अवैध तरीके से अपनी समुद्री क्षमताओं को बढ़ा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, चीन, भारत के साथ सीमा पर अपनी स्थिति को सख्त कर रहा है।