सुपर पॉवर अमेरिका और चीन (China) की दुश्मनी आज से नहीं बल्कि काफी पुरानी है दोनों देशों के बीच अक्सर जमकर टकराव देखने को मिल रहे हैं। चीन कई देशों के क्षेत्र में जबरन घुसने की कोशिश कर रहा हो तो वहीं, अमेरिका उन देशों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले रखी है। वहीं दूसरी तरफ भारत भी उनमें से है जो चीन को पंसद नहीं करता है। इस बीच अब चीन को करारा सबक सिखाने के लिए अमेरिका और भारत मिलकर शक्तिशाली तोप बनाने में जुट गए हैं। यह तोप लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम होगी। इसके अलावा आर्मी के वीकल को भी मिलकर बनाने पर काम चल रहा है।
जी हां, ताजा खबर के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि चीन से लगी भारत की सीमा पर इसकी अभियानगत जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक दूरी तक की मारक क्षमता वाली तोपों पर मिलकर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सैन्य वाहनों के सह-उत्पादन के प्रस्तावों पर वह (अमेरिका) नयी दिल्ली के साथ काम कर रहा है। भारत और चीन के 50-50 हजार सैनिक पूर्वी लद्दाख में कुछ टकराव वाले स्थलों पर तीन साल से अधिक समय से तैनात हैं। बाइडन प्रशासन द्वारा उठाये गये उन अभूतपूर्व कदमों का हिस्सा है, जो अमेरिका के सहयोगी देशों और साझेदारों को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूती प्रदान करेगा। उन्होंने चीन पर अमेरिकी संसद में होने वाली चर्चा से पहले अपनी टिप्पणी में यह कहा।
चीन की उल्टी गिनती शुरू
यह चर्चा ऐसे समय में हो रही है जब मानवाधिकारों, प्रौद्योगिकी तक पहुंच, दक्षिण चीन और पूर्वी चीन सागरों पर क्षेत्रीय संप्रभुता के दावों और स्वशासित ताइवान के खिलाफ धमकियों को लेकर विवाद के मद्देनजर अमेरिका और चीन के बीच संबंध प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पेंटागन, हमला रोधी क्षमता हासिल करने में जापान की सहायता कर रहा है, आस्ट्रेलिया के हथियार और विस्फोटक आयुध उत्पादन की क्षमता बढ़ाने में में सहयोग करने के साथ ही बड़े रक्षा प्लेटफॉर्म के सह-विकास एवं सह-उत्पादन पर भारत के साथ एक नयी प्रौद्योगिकी पहल कर रहा है। साथ ही, चीन के बलप्रयोग और उत्पीड़न से निपटने की क्षमता हासिल करने में दक्षिण एशियाई देशों की वह मदद कर रहा है।
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रैटनर ने कहा, ‘हम अधिक दूरी तक मार करने वाली तोपों के सह उत्पादन के प्रस्ताव पर भारतीय समकक्षों के साथ काम कर रहे हैं।’ इसके अलावा, चीन से लगी भारत की सीमा पर इसकी अभियानगत जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से पैदल सैनिकों के लिए वाहनों के सह-उत्पादन के प्रस्ताव पर भी काम कर रहे हैं। भारत ने अमेरिका से एम-777 तोप खरीदा है जो काफी हल्की है और इसे चीन की सीमा पर तैनात किया गया है।