भारत ने सितंबर में होने वाले जी-20 (G-20) शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को आमंत्रित किए जाने के सवाल पर कहा कि जिन्हें आमंत्रित करना था, उनकी सूची पहले ही जारी कर दी गई है। आपको बता दें कि अभी तक आमंत्रित देशों की सूची में यूक्रेन का नाम नहीं है। इसीलिए जेलेंस्की की भागीदारी के बारे में बृहस्पतिवार को भी भारत ने कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की और विदेश सचिव विनय क्वात्रा के बयान का हवाला दिया ।इस सूची में यूक्रेन के राष्ट्रपति का नाम नहीं है। इस बात के संकेत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी बुधवार को दिया है। यूक्रेन की प्रथम उप-विदेश मंत्री मेलाइन जापरोवा ने अपनी तीन दिनों की भारत यात्रा के दौरान इस बात के लिए खूब लॉबिंग की किसी भी तरह से भारत को इस बात के लिए तैयार किया जाए कि वह जी-20 (G-20) बैठक में जेलेंस्की को आमंत्रित करे।
यह पहले ही स्पष्ट कर दिया है की किन को बुलाना है और किन को नहीं
यूक्रेन (Ukraine) की उप विदेश मंत्री की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने न्योते पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा की टिप्पणियों का हवाला दिया। क्वात्रा ने एक मार्च को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘जहां तक यूक्रेन को आमंत्रित किये जाने की बात है, यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किन देशों को अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उन देशों की सूची आपके साथ साझा की जा चुकी है। हमने उस सूची में कोई और नाम नहीं जोड़ा है, ना ही बदलाव किया है। ’’ भारत ने जी20 देशों के अलावा बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया,ओमान,सिंगापुर,स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत जी20 (G-20) शिखर सम्मेलन के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति को आमंत्रित करेगा, बागची ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम पूर्व में इस सवाल का जवाब दे चुके हैं। विदेश सचिव ने भी जवाब दे दिया है। भागीदारी के बारे में जोड़ने के लिए इस वक्त मेरे पास कुछ नहीं है।’’ भारत के कुछ कदमों से यूक्रेन के विषय पर अंसतुलित रुख प्रदर्शित होने संबंधी जापारोवा की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर बागची ने सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन जोर देते हुए कहा कि भारत शांति पर जोर दे रहा है।
भारत निभा रहा है अपनी दोस्ती
भारत ने अपने रणनीतिक हितों को देखते हुए इन देशों को शामिल किया है। यह भी तथ्य है कि यूक्रेन को आमंत्रित कर अपनी पुराने मित्र देश रूस को नाराज करना नहीं चाहेगा। भारत की कोशिश है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन भौतिक तौर पर शिखर बैठक में उपस्थित हो। वैसे उसके पहले जुलाई, 2023 में भारत में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की भी शिखर बैठक में है जिसमें रूस के राष्ट्रपति के हिस्सा लेने की उम्मीद है।