चीन वो देश है जिसके चलते दुनिया के कई सारे देश परेशान हैं। खासकर वो देश जो इससे सीमा साझा करते हैं। ताइवान को तो ये पूरी तरह निगलने की कोशिश कर रहा है। चीन का कहना है कि ताइवान उसका अभिन्न अंग है वो उसे हर हाल में अपने में मिला कर रहेगा। जिसके चलते अमेरिका और ड्रैगन आमने सामने हैं। इसके साथ ही चीन कई देशों को अपनी कर्ज जाल में बुरी तरह फंसा लिया है। श्रीलंका को तो पूरी तरह बर्बाद ही कर दिया है। उधर पाकिस्तान भी बर्बादी के रास्ते पर है। पाकिस्तान को चीन इस वक्त अपने CPEC (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे) के तहत कर्ज के तले दबा रहा है। इसके साथ ही ये CPEC की आड़ में पीओके में भी घुसपैठ मजबूत कर रहा है। जिसे लेकर भारत ने दो टूक कहा है कि, Pok से चीन दूर रहे।
CPEC को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है। भारत ने गुरुवार को दो टूक कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उसका अभिन्न हिस्सा है। इसलिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरने वाली परियोजनाओं से कोई अन्य देश न जुड़ें, क्योंकि यह उसकी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का विषय है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस विषय पर पूछे जाने पर गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि, विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर पिछले दिनों बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि उसने तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) से जुड़ी परियोजनाओं में अन्य देशों की प्रस्तावित भागीदारी को प्रोत्साहित किए जाने की खबरें देखी हैं। सीपीईसी के तहत इस प्रकार की गतिविधियां स्वाभाविक रूप से अवैध, अनुचित और अस्वीकार्य हैं।
इसके आगे उन्होंने कहा कि, इस बाबत किसी भी पक्ष का इस प्रकार का कोई भी कदम भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में इस तरह की किसी भी गतिविधि पर हम पहले से ही आपत्ति करते रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि हमारा कहना है कि कोई भी तीसरा देश इससे नहीं जुड़े, क्योंकि हम पहले से ही चेतावनी दे रहे हैं कि यह हमारी सम्प्रभुता का विषय है। बागची ने कहा कि हम जो कहना चाहते हैं, वह पूरी तरह से स्पष्ट है।