चीन ने अपनी साजिश से श्रीलंका को कंगाली की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। आलम ये है कि खाने-पीने की चीजों की कीमत आसमान छू रही। रिकॉर्ड स्तर पर महंगाई है। देश का खजाना खाली होता जा रहा है। जिसके चलते सरकार जनता की जरूरत के मुताबिक ईंधन, खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं का आयात नहीं कर पा रही है। ईंधन के कमी के कारण कई पेट्रोल पांपों पर लोगों को 12 से 13 घंटों तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है। इस बीच कई सरकारी अस्पतालों में बिजली न होने के कारण रूटीन सर्जरी को टाला जा रहा है। इस बीच भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए श्रीलंका से कहा है कि वो हर हाल में उनकी मदद करेंगे और इसके लिए उन्होंने 40 हजार टन डीजल भेज दिया है और अब चावल भी पैक किए जा रहे हैं।0
भारत आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका की मदद लगातार कर रहा है। इस कड़ी में आज शनिवार को 40 हजार टन डीजल वितरित किया है। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि, श्रीलंका के न्यूजवायर ने सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष सुमित विजेसिंघे के हवाले से कहा कि, भारत ने शनिवार को संकटग्रस्त श्रीलंका को 40 हजार टन डीजल वितरित किया है। इसके साथ ही यह भी कहा कि, वितरण कार्य आज शाम से शुरू हो जाएगी। भारत के इस कदम की श्रीलंका में सैकड़ों ईंधन स्टेशनों ने स्वागत किया है।
भारत डीजल के बाद श्रीलंका भेजेगा चावल
डीजल के बाद भारत अब श्रीलंका को चावल की खेप भेजने की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि, दोनों देशों के बीच पिछले महीने 1 बिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद पहली बड़ी खद्य मदद होगी। इससे श्रीलंका सरकार को कीमतों में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी जो पिछले एक साल में दोगुनी से अधिक हो गई है। पट्टाभि एग्रो फूड्स के प्रबंध निदेशक बीवी कृष्ण राव ने रॉयटर्स को बताया कि, हम कुछ दिनों में शीघ्र शिपमेंट और वेसल-लोडिंग के लिए कंटेनर लोड कर रहे हैं। यह फर्म भारतीय और श्रीलंका की सरकारों के बीच हुए एक क्रेडिट सुविधा समझौते के तहत श्रीलंका स्टेट ट्रेडिंग (जनरल) कॉर्प को चावल की आपूर्ति कर रही है।