भारत लगातार चीन (china) के खिलाफ अपनी आक्रामकता को लेकर अपनी ताकत बढ़ा रहा है। इस दौरान भारतीय वायुसेना LAC के करीब एक्टिव है, जिसे देखते हुए चीन भी अपनी तैयारी कर रहा है। जी हां, चीन ने सोमवार को अपना नया नक्शा जारी किया है। इसके एक दिन बाद ही ऐसी रिपोर्ट आई है जो चिंता बढ़ाने वाली हैं। उत्तरी लद्दाख में डेपसांग मैदानों से साठ किमी पूर्व में चीनी सेना ने सैनिकों और हथियारों के लिए अंडरग्राउंड बंकर का निर्माण किया है। इन बंकरों को बनाने के लिए एक नदी घाटी के किनारे एक पहाड़ी में सुरंगें बनाना शुरू कर दिया है। यह जगह एलएसी के पूर्व में अक्साई चिन में स्थित है, जो भारत का हिस्सा है, लेकिन चीन ने कब्जा किया हुआ है।
एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय भू-खुफिया विशेषज्ञों ने इन तस्वीरों का विश्लेषण किया है उन्होंने नदी घाटी के दोनों किनारों पर चट्टानों में खोदे गए कम से कम 11 पोर्टल की पहचान की है। तस्वीरों के जरिए मालूम होता है कि पिछले कुछ महीनों में बड़े पैमाने पर निर्माण गतिविधि हुई है। हालांकि यह सब तैयारियां चीन के डर को दिखाती हैं।
एयरस्ट्राइक से बचने का प्लान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन की ओर से जारी नक्शों को रद्द कर दिया उन्होंने कहा कि चीन की पुरानी आदत है कि वह अपने नक्शों में उन क्षेत्रों को जोड़ता है, जो उसके नहीं हैं। भारत के हिस्सों को अपने में मिलाने से जमीन पर चीजें नहीं बदल जाएंगी। हमारी सरकार इसे लेकर स्पष्ट है कि यह हमारा क्षेत्र है। बेतुके दावों से कोई भी क्षेत्र किसी दूसरे का नहीं हो जाता। वहीं, भारतीय ड्रोन स्टार्ट-अप न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी के सीईओ समीर जोशी भी इससे सहमत हैं। उन्होंने कहा, ‘गलवान में हुए संघर्ष के बाद भारतीय सेना ने अपने आक्रामक फायर वेक्टर, विशेष रूप से लंबी दूरी के रॉकेट और तोपखाने को बढ़ाया है।