श्रीलंका अपने इतिहास की सबसे खतरनाक आर्थिक गिरावट से जूझ रहा है। इस हालत से निपटने के लिए अब वहां की सरकार भारत और चीन से मदद की उम्मीद लगा रही है। 15 जनवरी को हुई बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था 'भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा है, और कोविड-19 महामारी के कारण आई आर्थिक और अन्य दिक्कतों से श्रीलंका को बाहर निकालने में वो हमेशा उसका समर्थन करेगा।' इस कड़ी में भारत अब श्रीलंका को बिजली देने की तैयारी कर रहा है।
यह भी पढ़ें- असल अफगानियों से डर गया पाकिस्तान, NSA मोईद युसूफ ने रद्द किया काबुल दौरा!
भारत ने हाल ही में श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर की मदद देने का वादा किया था। इसमें से 40 करोड़ डॉलर सार्क देशों के मुद्रा विनिमय समझौते के तहत दिए जाएंगे। श्रीलंका के पास ईंधन खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। जिसके कारण उसके यहां बिजली का संकट तक पैदा हो गया है। इसी बीच श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने जानकारी दी है कि भारत ने श्रीलंका को पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने के लिए 50 करोड़ डॉलर देने का प्रस्ताव दिया है। श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने ट्वीट किया- 'एक दोस्त जिसने फिर से मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को ऊर्जा देते हुए भारत ने पेट्रोलियम उत्पादों के लिए 50 करोड़ डॉलर के कर्ज का प्रस्ताव दिया है।'
यह भी पढ़ें- Afghanistan कुख्यात आतंकी असलम फारूखी मारा गया! अपने ही पियादों को निपटाने में जुटी Pak खुफिया एजेंसी ISI
भारतीय उच्चायोग ने बताया है कि इसी महीने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और श्रीलंकाई वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के बीच श्रीलंका को 90 करोड़ डॉलर विदेशी मदद देने का वादा किया गया था। इससे पहले 15 जनवरी को जयशंकर और बासिल राजपक्षे के बीच हुई वर्चुअल बैठक में भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में बात हुई थी। इसी बातचीत के दौरान इस बात के संकेत मिले थे कि भारत खाद्य वस्तुओं, ज़रूरी सामान, दवाएं और तेल आयात करने के लिए श्रीलंका को डेढ़ अरब डॉलर का कर्ज दे सकता है।