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दुनिया के 50 देशों में चलेगी इंडियन UPI, कैसे हुआ चमत्कार यहां देखें

वैश्विक अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने जा रहा है। इस काम के लिए दुनिया के लोगों को डिजिटल रूप से प्रशिक्षित करने के साथ वैश्विक स्तर पर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में भारत अपना नेतृत्व देगा। दुनिया के 50 देश भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) में अपनी रुचि दिखा चुके हैं जबकि सिंगापुर के अलावा 13 अन्य देशों ने इंडियन UPI को अपनाने का ऐलान करने जा रहे हैं।

जी-20 समूह से जुड़ी डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी) की बैठक में मुख्य रूप से डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्‌र्क्चर, साइबर सुरक्षा, डिजिटल इकोनॉमी व डिजिटल प्रशिक्षण को वैश्विक स्तर पर बढ़ाने को लेकर मुख्य रूप से चर्चा की गई। एक अनुमान के मुताबिक फिलहाल वैश्विक स्तर पर 11 लाख करोड़ डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था है और वर्ष 2025 तक वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था 23 लाख करोड़ डॉलर की हो जाएगी।

भारत के डिजिटल भुगतान से लेकर डिजिटल रूप से दी जाने वाली सरकारी मदद की चर्चा व प्रशंसा दुनिया भर में हो रही है। इसलिए भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक दुनिया के 13 देश भारत की यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए तैयार हो गए हैं और जल्द ही सिंगापुर में यूपीआई से भुगतान शुरू हो जाएगा।

सिर्फ भारत में डिजिटल इकोसिस्टम सभी के लिए खुला हुआ है सिंगापुर ने यूपीआई के साथ खुद को जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। वैष्णव के मुताबिक भारत को छोड़ अन्य सभी देशों के डिजिटल इकोसिस्टम में कुछ कंपनियों का एकाधिकार है। सिर्फ भारत में डिजिटल इकोसिस्टम सभी के लिए खुला हुआ है। तभी गूगल ने अपनी भुगतान प्रणाली को छोड़ यूपीआई को अपनाया है और गूगल ने अमेरिका फेडरल को लिखा है कि भारतीय भुगतान प्रणाली लोकतांत्रिक तरीके से चलती है और दो रुपए से लेकर दो लाख रुपए तक का ट्रांजेक्शन सिर्फ दो सेकेंड में किया जा सकता है।
साइबर सुरक्षा को लेकर की गई चर्चा