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इन दो देशों में छिड़ी जंग! रॉकेट हमले के तुरंत बाद भारी बमबारी ने मचाई तबाही

Israel Aircraft Hit Gaza Strip

Israel Attack on Palestinian: इन दिनों दुनिया में कई देशों के बीच हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। फिलहाल रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से दुनिया परेशान है। पूरा विश्व चाहता है कि, किसी तरह यह जंग रुक जाए। क्योंकि, इस युद्ध के चलते पूरी दुनिया में मंदी का असर देखने को मिल रहा है। कई देशों का हालत बुरा है। खासकर पश्चिमी देशों में महंगाई चरम पर है। इन दोनों के अलावा भी कई और देश हैं जिनमें जंग के हालत बने हुए हैं तो कहीं पर शुरू हो चुके हैं। इनमें से एक है इजरायल और फलस्तीन (Israel Attack on Palestinian), जो एक बार फिर से एक दूसरे पर हमले तेज कर दिये हैं। फलस्तीनी उग्रवादियों की ओर से रॉकेट हमले के बाद इजरायल (Israel Attack on Palestinian) ने गाजा पट्टी में कई ठिकानों पर भारी हमाई हमला किया है जिसमें, भारी तबाही मची है।

फलस्तीनी उग्रवादियों पर इजरायल का बड़ा हमला
इजरायली सेना का कहना है कि, हवाई हमलों में एक हथियार निर्माण केंद्र और फलस्तीनी उग्रवादी समूह हमास से संबंधित एक भूमिगत सुरंग को निशाना बनाया गया। साल 2007 से फलस्तीन के गाजा क्षेत्र पर हमास का नियंत्रण है। शनिवार शाम किए गए रॉकेट हमले की जिम्मेदारी किसी फलस्तीनी समूह ने नहीं ली, जो गाजा-इजराइल बाड़ के पास एक खुले क्षेत्र में गिरा। इजराइल और फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद के बीच अगस्त में तीन दिन तक चली झड़प के बाद से सीमा पर शांति थी। हमास को हथियार जमा करने से रोकने के लिए इजराइल और मिस्र ने गाजा की नाकेबंदी कर रखी है।

इस साल 130 से ज्यादे मारे जा चुके हैं फलस्तीनी आतंकी
फलस्तीनियों ने इजरायल के नाक में दम कर रखा था और अभी भी कर रखा है। मजबूरन इजरयाल को इसपर कार्रवाई करनी पड़ी। हिंसा में इस साल 130 से ज्यादा फलस्तीनियों और 23 इजराइलियों की मौत हो चुकी है। इजराइल ने 1967 में पश्चिम एशिया में हुई जंग के दौरान पूर्वी यरुशलम और गाजा पट्टी के साथ ही वेस्ट बैंक पर भी कब्जा कर लिया था। फलस्तीनी चाहते हैं कि वेस्ट बैंक उनके देश का मुख्य हिस्सा बने। आज यह क्षेत्र 25 लाख से अधिक फलस्तीनियों और लगभग 5,00,000 यहूदियों का घर है। फलस्तीनी और ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय समुदाय बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन के रूप में देखते हैं। बता दें कि इजराइल और फलस्तीनी संगठन इस्लामिक जिहाद के बीच अगस्त में तीन दिनों तक हिंसा का दौर चला था। इस हिंसा को खत्म करने के मकसद से संघर्ष विराम लागू किया गया था। इस हिंसा में फलस्तीन के कई नागरिक मारे गए थे और हजारों इजराइलियों का जनजीवन प्रभावित हुआ था।

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