S. Jaishankar on America: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों की बात करें तो सुपर पावर सिर्फ उसे इस्तेमाल करते आया है। पाकिस्तान को वो बंदर की नचाता रहा है। अमेरिका जब चाहे पाकिस्तान के एयरबेस का इस्तेमाल कर ले। जब चाहे तब सत्ता में परिवर्तन के लिए मजबूर कर दे। इन सबके बाद भी पाकिस्तान चाह कर भी अमेरिका से दूर नहीं भाग सकता। हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी दी है। अमेरिका एक ओर भारत के साथ अपने रिश्ते मजबूत करने की कोशिश कर रहा है तो दूसरी ओर वो पाकिस्तान के लिए ऐसे कदम उठा कर लोगों को सांकेतिक नजर से देखने के लिए मजबूर कर दिया है। उसके इसी कदम पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar on America) ने दोनों के संबंधों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद के साथ वाशिंगटन के संबंध से ‘अमेरिकी हित’ पूरे नहीं हुए हैं। विदेश मंत्री (S. Jaishankar on America) ने कहा कि, यह एक ऐसा रिश्ता है जिससे न तो पाकिस्तान के हित सधे हैं और न ही अमेरिका के।
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भारत ने कहा- किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे
वाशिंगटन में भारतीय अमेरिकी समुदाय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जयशंकर से अमेरिका की ओर से पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमानों के लिए सहायता को मंजूरी देने पर सवाल पूछ गया। इस पर जयशंकर ने कहा, यह वाकई अमेरिका के लिए गौर करने की बात है कि उसे इस संबंध से क्या मिल रहा है। बताया तो जाता है कि मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि ये आतंकवाद-विरोधी सामग्री है। ऐसे में आप F-16 जैसे विमानों की बात करने लगते हैं। लेकिन, हर कोई जानता है और आप भी जानते हैं कि उन्हें कहां तैनात किया गया है। साथ ही उनका किस काम में इस्तेमाल किया जा रहा है। आप ऐसे बातें कहकर किसी को बेवकूफ नहीं बना रहे हैं।’
अमेरिका ने पाकिस्तान को दी 45 करोड़ डॉलर की मदद
बता दें कि, हाल ही में बाइडन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के पाकिस्तान को सैन्य सहायता पर रोक लगाने वाले फैसले को बदल दिया। ट्रंप प्रशासन ने आतंकवादी संगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य सहायता रोक दी थी। लेकिन, बाइडन प्रशासन ने 8 सितंबर को पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर की मदद देने की मंजूरी दे दी। अमेरिका के इस फैसले पर भारत की ओर से चिंता भी जातई गई थी।
भारत ने जताई थी चिंता
पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के लिए मदद के एलान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले सप्ताह अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से इस मामले पर बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से टेलीफोन पर अच्छी और लाभप्रद बातचीत हुई। हमने रणनीतिक हितों और विस्तृत रक्षा व सुरक्षा सहयोग के बढ़ते तालमेल पर चर्चा की। हमने तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी बढ़ाने के तरीकों और अहम तकनीकों में सहयोग की संभावना पर भी चर्चा की।
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भारत की ओर से आपत्ति जताई जाने पर अेमरिका ने कहा कि, पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान के बेड़े के लिए मदद देने का फैसला भारत के लिए कोई संदेश नहीं है। यह इस्लामाबाद के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी से जुड़ा है जो विशेष तौर पर आतंकवाद और परमाणु सुरक्षा पर केंद्रित है।