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पूरी दुनिया के सामने India ने Pak-चीन को किया बेनकाब- बौखला उठा ड्रैगन

S. Jaishankar on China-Pakistan

S. Jaishankar on China-Pakistan: दुनिया में भारत के बढ़ते कद से जहां कई देश खुश हैं तो वहीं, कई ऐसे भी देश हैं जिनके आखों में किरकिरी गढ़ रही है। इसमें चीन और पाकिस्तान ऐसे हैं जो भारत के बढ़ते कद से परेशान हैं। ये दोनों ही इंडिया के पड़ोसी मुल्क हैं और लगातार सीमा पर विवाद की स्थिति पैदा करते रहते हैं। आतंकवाद को पाकिस्तान पाल पोस कर बड़ा करता है तो चीन उसे दूध पिलाने का काम करता है। पाकिस्तानी आतंकियों को जब भी भारत ने बैन करने की मांग की है तब-तब चीन बीच में कूद पड़ा है। इसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar on China-Pakistan) ने दोनों देशों को जमकर लताड़ लगाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए हुए बिना जमकर सुनाया। साथ ही विदेश मंत्री ने (S. Jaishankar on China-Pakistan) आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में चीनी अड़ंगे के लिए ड्रैगन को बेनकाब किया।

बिना नाम लिये उतार दी इज्जत
आगे बढ़ने से पहले याद दिला दें कि, चीन अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर अक्सर आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयास में टांग अड़ाता रहता है। उन्होंने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र अपराधियों पर प्रतिबंध लगाकर आतंकवाद का जवाब देता है। जो भी देश घोषित आतंकवादियों की रक्षा करने के लिए समय-समय पर यूएनएससी 1267 प्रतिबंध शासन का राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं। मेरा विश्वास कीजिए, वे न तो अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और न ही वास्तव में देश की प्रतिष्ठा को आगे बढ़ाते हैं। हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। कोई भी टिप्पणी, चाहे वह किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती। जिस तरह से उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बिना ही उसको सुनाया है उसी तरह चीन का भी नाम नहीं लिया।

चीन का बिना नाम लिए जयशंकर का हमला
जयशंकर ने कहा, दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतने के बाद भारत ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति का वकालत करता है। बता दें कि, पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त चीन के खिलाफ ये जोरदार हमला था। चीन कई मौकों पर भारत द्वारा आतंकियों को बैन करने के प्रस्ताव पर अडंगा लगा चुका है। अभी इसी महीने चीन ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए और भारत द्वारा सह-समर्थित एक प्रस्ताव पर रोक लगा दी। मीर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले मामले में वांछित है।

UNSC में सुधार की जरूरत
इसके साथ ही उन्होंने UNSC में सुधार के बात कही। उन्होंने कहा कि, UNSC में बेहद आवश्यक सुधारों पर बातचीत प्रक्रियागत हथकंडों से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए तथा इसका विरोध करने वाले सदस्य ”हमेशा के लिए इस प्रक्रिया को रोक कर” नहीं रख सकते हैं। भारत अभी 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और वह इस साल दिसंबर में अपना दो साल का कार्यकाल पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि, भारत बड़ी जिम्मेदारियां उठाने के लिए तैयार है लेकिन साथ ही वह यह सुनिश्चित करना चाहता है कि विश्व के एक हिस्से के साथ हुए अन्याय से निर्णायक रूप से निपटा जाए। हमारे कार्यकाल में हमने कुछ गंभीर लेकिन विभाजनकारी मुद्दों पर एक पुल के तौर पर काम किया है। हमने समुद्री सुरक्षा, शांति रक्षा तथा आतंकवाद से निपटने जैसे मुद्दों पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया।