S Jaishankar Vs China : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 को भारत और चीन के सौनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में कर्नल संतोष बाबू (Colonel Bikkumalla Santosh) समेत भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। लेकिन चीन पर झड़प के बाद से अपने सैनिकों की मौतें छिपाने का आरोप लगता रहा है। दरअसल, हिंसक झड़प के दौरान चीन के 38 सैनिक नदी में बह गए थे,जबकि चीन ने सिर्फ 4 सैनिकों की मौत की बात कबूली थी।
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को सिडनी में कहा कि भारत के लिए चीन के साथ संबंधों में ढाई साल ‘बहुत कठिन’ रहे, जिसमें 40 साल बाद सीमा पर हुआ पहला रक्तपात भी शामिल है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने बीजिंग के साथ संवाद माध्यम को खुला रखा क्योंकि पड़ोसियों को एक-दूसरे से बात करनी पड़ती है। जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों के बढ़ते महत्व और सुरक्षा-केंद्रित क्वाड के सदस्यों के रूप में दोनों देशों के हितों पर लोवी इंस्टिट्यूट में अपने संबोधन के बाद सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की।
विदेश मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘चीन के साथ संबंधों में हमारे लिए ढाई साल बहुत कठिन थे, जिसमें 40 साल बाद सीमा पर हुआ पहला रक्तपात शामिल है और जहां हमने वास्तव में 20 सैनिकों को खो दिया।’ वर्ष 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत रहे मंत्री ने कहा, ‘लेकिन हमारा प्रयास, मेरा प्रयास संवाद माध्यम को चालू रखने का रहा है। वास्तव में, उसके बाद की सुबह, मैंने अपने समकक्ष वांग यी को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि चीनी पक्ष की ओर से कोई तनाव भड़काने वाला या जटिलता पैदा करने वाला काम नहीं किया जाए।’
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दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत
गतिरोध को हल करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं ने कोर कमांडर स्तर की 16 दौर की बातचीत की है। पैंगोंग झील क्षेत्रों में हिंसक झड़प के बाद पांच मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ था. इसके बाद दोनों देशों ने 12 सितंबर को पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से अग्रिम पंक्ति के अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया था और वहां बनाए गए अस्थायी बुनियादी ढांचे को नष्ट कर दिया था।