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चीन के खिलाफ भयानक मंजर को देख अलर्ट हुआ जापान, लंबी दूरी की मिसाइलें तैनात कर रहेगा सतर्क

जापान तैनात करेगा लंबी दूरी की मिसाइलें

जापान का रुख अपने पडोसी देश चीन की बढ़ती सामरिक गतिविधियों के खिलाफ आक्रामक हो गया है। चीन को दो टूक जवाब देने के लिए जापान सामरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए 1,000किलोमीटर लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों की तैनाती पर विचार कर रहा है। इस बात की पुष्टि रविवार को योमीरी अखबार द्वारा की गयी है। योमीरी ने कहा कि जहाजों या विमानों द्वारा लॉन्च किए गए हथियार मुख्य रूप से दक्षिणी नानसेई द्वीपों के आसपास तैनात होंगे और उत्तर कोरिया और चीन के तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम होंगे।

अखबार ने सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा है कि इन मिसाइलों को वर्तमान हथियारों के स्थान पर तैनात किया जाएगा। ताकि मौजूदा सीमा 100किलोमीटर (62मील) से 1,000किलोमीटर तक बढ़ाई जा सके। अखबार ने कहा है कि यह मिसाइलें मुख्य रूप से दक्षिणी नानसेई द्वीपों के आसपास तैनात होंगी। सामरिक बेड़ाउत्तर कोरिया और चीन के तटीय क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम होगा। अखबार का कहना है कि जापान के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जापान ने अपने सैन्य खर्च में तो इजाफा किया है पर वह लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करने से परहेज करता रहा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान की यात्रा के बाद चीन ने कड़ा रुख अपनाया है। बीजिंग ताइवान के पास और जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र में मिसाइलें दाग चुका है।

जापानी जहाज और चीन मालवाहक जहाज के बीच हुई टक्कर

बता दें कि दक्षिण-पश्चिमी जापान तट के निकट एक जापानी रासायनिक टैंकर जहाज और एक चीनी मालवाहक जहाज की टक्कर हो गई। तटरक्षक बल ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।इस घटना में रयोशिनमारू नामक टैंकर पर सवार छह जापानी चालक दल में से कोई भी घायल नहीं हुआ, जबकि बेलीज पंजीकृत मालवाहक जहाज शिन हाई 99पर सवार 14चीनी चालक दल भी सुरक्षित हैं।

चीन ने इस माह के पहले सप्ताह में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर के ताइवान से जाते ही ताइवान के दक्षिण और पूरब के जल क्षेत्र में अब तक अपना सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास शुरू किया। चीन की इस घेरेबंदी से क्षेत्र में तनाव बढ़ गया। चीन ने 4 अगस्त को तड़के ताइवान के अलग-अलग जल क्षेत्रों में युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों से फायरिंग की और कम से कम 11 डोंगफेंग बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में 22 लड़ाकू विमान भी घुसे। यह महत्वपूर्ण है कि चीन लंबे समय से ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और दूसरे देशों के नेताओं की वहां की यात्रा का विरोध करता है। 1996 में भी चीन ने ताइवान के चारों तरफ जल क्षेत्र में मिसाइलें दागी थीं।